आगरा : आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले के शमशाबाद स्थित न्यू राधिका हॉस्पिटल पर पांच माह में तीन बार सील लगाई. मगर, हर बार सील के बाद हॉस्पिटल चलता हुआ मिला. मामला जिले के शमशाबाद कस्बा का है. कस्बा में न्यू राधिका हॉस्पिटल है, जिसका संचालक भूपेंद्र है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पांच माह में न्यू राधिका हॉस्पिटल में तीन बार छापेमारी की गयी. पहली बार की छापामार कार्रवाई में हॉस्पिटल में कोई नहीं मिला था. इसके बाद 21 अगस्त को दोबारा छापा मारा गया. तब हॉस्पिटल में एक प्रसूता भर्ती मिली थी. इस पर संचालक भूपेंद्र के खिलाफ मुकदमा कराया गया था. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने न्यू राधिका हॉस्पिटल के गेट पर ताला लगा दिया था.
शिकायत पर पहुंची थी चिकित्सा विभाग की टीम: बीते दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि न्यू राधिका हॉस्पिटल दोबारा से संचालित हो गया है. हॉस्पिटल में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. यहां पर डिलीवरी हो रही है. लगातार शिकायत मिलने पर शुक्रवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की. इसमें न्यू राधिका हॉस्पिटल के मेन गेट के पास की एक दुकान पर एटीएम का बोर्ड लगा था.
उस दुकान के अंदर चोर दरवाजा था. जो न्यू राधिका हॉस्पिटल के अंदर जा रहा था. टीम को हॉस्पिटल के अंदर महिलाएं बैठीं मिलीं. चिकित्सा विभाग की टीम को देखकर झोलाछाप की पत्नी ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. वो तब एक प्रसूता की डिलीवरी करा रही थी. करीब एक घंटे बाद कमरा खुला तो इसमें हिमांयूपुर की कुमकुम भर्ती मिली. कमरे में गंदगी थी, जंग लगे उपकरण भी मिले. इसके साथ ही कमरे में तीन बेड मिले.
आशा लेकर आई थी हॉस्पिटल: नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियां ने बताया कि न्यू राधिका हॉस्पिटल में भर्ती प्रसूता के परिजन से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि उन्हें हॉस्पिटल में एक आशा वर्कर लेकर आई थी. हम तो घर से शमशाबाद सीएचसी आए थे. मगर, आशा सीएचसी से हमें न्यू राधिका हॉस्पिटल में डिलीवरी करवा देगी. न्यू राधिका हॉस्पिटल सीएचसी से 50 मीटर की दूरी पर है. अब न्यू राधिका हॉस्पिटल पर सील लगा दी है.
यह भी पढ़ें : श्रीकृष्ण जन्मभूमि और आगरा जामा मस्जिद विवाद: GPR सर्वे पर अब 23 दिसंबर को बहस