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ताजमहल पर तकरार; रख-रखाव पर अखिलेश यादव के सवालों का ASI ने दिया जवाब- भ्रमित न हों, पधारकर आनंद लें - Taj Mahal politics

ताजमहल के इंतजामों पर इन दिनों तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया था. इसके बाद एएसआई ने इसका जवाब देकर उन्हें अफवाहों से दूर रहने की सलाह दे डाली.

एएसआई ने अखिलेश के पोस्ट का जबाव दिया है.
एएसआई ने अखिलेश के पोस्ट का जबाव दिया है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 21, 2024, 1:17 PM IST

Updated : Sep 21, 2024, 1:48 PM IST

आगरा : ताजमहल के रख-रखाव और व्यवस्था पर इन दिनों सियासत चल रही है. असदुद्दीन ओवैसी ने ताज की कमाई को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) पर निशाना साधा था. इसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ताजमहल के वीडियो वायरल होने और मुख्य मकबरे की कब्रों पर पानी टपकने समेत कुल 8 बिंदुओं पर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने भाजपा सरकार और एएसआई की कार्यशैली पर निशाना साधा. इसके बाद एएसआई ने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म X पर अखिलेश यादव को टैग करके उनकी ओर से उठाए गए सवालों के जवाब दिए. इसमें ताजमहल में किसी गंभीर संरचनात्मक समस्या के होने से इनकार किया. इतना ही नहीं एएसआई ने अखिलेश यादव को ताजमहल का भ्रमण करने की अपील भी की.

अखिलेश यादव ने ताज के रख-रखाव पर सवाल उठाए थे. (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 19 सितंबर को ताजमहल में अव्यवस्था और मुख्य मकबरे में पानी टपकने को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया था. लिखा था कि विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले अजूबे ताजमहल के रख-रखाव को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से नाकाम है. सरकार एक जीता-जागता उदाहरण होना चाहिए, कोई स्मारक भर नहीं. उन्होंने अपनी पोस्ट में मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में जंग लगने की आशंका जताई थी. ताजमहल के मुख्य गुंबद से पानी टपकने के साथ ही मुख्य मकबरे पर उगे पौधे को लेकर भी सवाल उठाए थे. लिखा था कि पौधे की जड़ें विकसित हुईं तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं. ताजमहल का परिसर बंदरों का अभयारण्य बन गया है. ताजमहल परिसर में जलभराव की समस्या है.



एएसआई ने अखिलेश को टैग कर दिया जवाब : एएसआई ने सपा मुखिया के सवालों पर सोशल मीडिया पर ही पलटवार किया है. लिखा है कि ताजमहल के मुख्य गुबंद पर जंग लगने की सूचना गलत है. लगातार अधिक वर्षा से पानी को कुछ बूंदें देखी गईं हैं. इनका निराकरण किया जा रहा है. ताजमहल में कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है. जो पौधे उगने का वीडियो वायरल हुआ था. वो पौधा मुख्य गुंबद पर नहीं था. ये ताजमहल की बाहरी दीवार पर उगा पौधा था. इसे हटाया जा चुका है. वर्षा के मौसम में इस तरह के पौधे उगते रहते हैं.

भूजल रिचार्ज होता है : ताजमहल परिसर में पिछले एक वर्ष से अधिक समय में किसी पर्यटक ने बंदर के काटने की कोई शिकायत नहीं आई है. ताजमहाल के उद्यान परिसर में वर्षा का भरा हुआ पानी है. यह क्षणिक है. यह परिसर में विद्यमान कुओं एवं रिचार्ज पिटों के जरिए भूजल में समाहित हो जाता है. यह जल संरक्षण की एक विधा है, न कि कोई समस्या है. कुछ भ्रामक एवं नकारात्मक खबरों से किसी को भी भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है. ताजमहल के रख-रखाव के लिए जो भी राशि खर्च की जाती है. उसका समय-समय पर ऑडिट किया जाता है. अभी तक के ऑडिट में ऐसी कोई शंका जाहिर नहीं की गई है.

ओवैसी ने भी किया था पोस्ट, लिखी थी ये बात : 12 सितंबर 2024 को एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक पोस्ट किया था. लिखा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ताजमहल से करोड़ों रुपये कमाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीको में से एक के साथ ऐसा व्यवहार करता है. मजेदार बात यह है कि यह तर्क देता है कि वक्फ स्मारकों को उसके अधीन कर देना चाहिए. ताकि यह उनका रख-रखाव कर सके. यह 10वीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने और पीएचडी के लिए आवेदन करने जैसा है.

यह भी पढ़ें : यूपी की 10वीं वंदे भारत 1570 रुपये में आगरा से पहुंचाएगी बनारस, 23 से चलेगी, अन्य स्टेशनों के लिए इतना होगा किराया

आगरा : ताजमहल के रख-रखाव और व्यवस्था पर इन दिनों सियासत चल रही है. असदुद्दीन ओवैसी ने ताज की कमाई को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) पर निशाना साधा था. इसके बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ताजमहल के वीडियो वायरल होने और मुख्य मकबरे की कब्रों पर पानी टपकने समेत कुल 8 बिंदुओं पर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल खड़े कर दिए थे. उन्होंने भाजपा सरकार और एएसआई की कार्यशैली पर निशाना साधा. इसके बाद एएसआई ने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म X पर अखिलेश यादव को टैग करके उनकी ओर से उठाए गए सवालों के जवाब दिए. इसमें ताजमहल में किसी गंभीर संरचनात्मक समस्या के होने से इनकार किया. इतना ही नहीं एएसआई ने अखिलेश यादव को ताजमहल का भ्रमण करने की अपील भी की.

अखिलेश यादव ने ताज के रख-रखाव पर सवाल उठाए थे. (Video Credit; ETV Bharat)

बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 19 सितंबर को ताजमहल में अव्यवस्था और मुख्य मकबरे में पानी टपकने को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया था. लिखा था कि विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले अजूबे ताजमहल के रख-रखाव को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से नाकाम है. सरकार एक जीता-जागता उदाहरण होना चाहिए, कोई स्मारक भर नहीं. उन्होंने अपनी पोस्ट में मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में जंग लगने की आशंका जताई थी. ताजमहल के मुख्य गुंबद से पानी टपकने के साथ ही मुख्य मकबरे पर उगे पौधे को लेकर भी सवाल उठाए थे. लिखा था कि पौधे की जड़ें विकसित हुईं तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं. ताजमहल का परिसर बंदरों का अभयारण्य बन गया है. ताजमहल परिसर में जलभराव की समस्या है.



एएसआई ने अखिलेश को टैग कर दिया जवाब : एएसआई ने सपा मुखिया के सवालों पर सोशल मीडिया पर ही पलटवार किया है. लिखा है कि ताजमहल के मुख्य गुबंद पर जंग लगने की सूचना गलत है. लगातार अधिक वर्षा से पानी को कुछ बूंदें देखी गईं हैं. इनका निराकरण किया जा रहा है. ताजमहल में कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है. जो पौधे उगने का वीडियो वायरल हुआ था. वो पौधा मुख्य गुंबद पर नहीं था. ये ताजमहल की बाहरी दीवार पर उगा पौधा था. इसे हटाया जा चुका है. वर्षा के मौसम में इस तरह के पौधे उगते रहते हैं.

भूजल रिचार्ज होता है : ताजमहल परिसर में पिछले एक वर्ष से अधिक समय में किसी पर्यटक ने बंदर के काटने की कोई शिकायत नहीं आई है. ताजमहाल के उद्यान परिसर में वर्षा का भरा हुआ पानी है. यह क्षणिक है. यह परिसर में विद्यमान कुओं एवं रिचार्ज पिटों के जरिए भूजल में समाहित हो जाता है. यह जल संरक्षण की एक विधा है, न कि कोई समस्या है. कुछ भ्रामक एवं नकारात्मक खबरों से किसी को भी भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है. ताजमहल के रख-रखाव के लिए जो भी राशि खर्च की जाती है. उसका समय-समय पर ऑडिट किया जाता है. अभी तक के ऑडिट में ऐसी कोई शंका जाहिर नहीं की गई है.

ओवैसी ने भी किया था पोस्ट, लिखी थी ये बात : 12 सितंबर 2024 को एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी एक पोस्ट किया था. लिखा था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ताजमहल से करोड़ों रुपये कमाता है, लेकिन भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीको में से एक के साथ ऐसा व्यवहार करता है. मजेदार बात यह है कि यह तर्क देता है कि वक्फ स्मारकों को उसके अधीन कर देना चाहिए. ताकि यह उनका रख-रखाव कर सके. यह 10वीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने और पीएचडी के लिए आवेदन करने जैसा है.

यह भी पढ़ें : यूपी की 10वीं वंदे भारत 1570 रुपये में आगरा से पहुंचाएगी बनारस, 23 से चलेगी, अन्य स्टेशनों के लिए इतना होगा किराया

Last Updated : Sep 21, 2024, 1:48 PM IST
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