आगरा: आगरा नगर निगम का लगातार विस्तार हो रहा है. नगर निगम में अब 100 वार्ड हो गए हैं. ऐसे में नगर निगम का सदन छोटा पड़ने लगा है. इस पर नगर निगम का नया सदन बनाए जाने की योजना बनी. जिस पर सर्वसम्मति से मुहर लगी तो डीपीआर बनी. नगर निगम का नया सदन करीब 31 करोड़ में बनेगा. जिसका कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने प्रजेंटेशन शनिवार को नगर निगम सदन में दिया. जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा.
आगरा नगर निगम के सदन में कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने नए नगर निगम सदन का प्रजेंटेशन दिया. आगरा नगर निगम परिसर में लगभग 4200 वर्गगज क्षेत्र में नगर निगम का नया सदन बनाया जाएगा. प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 31 करोड़ रुपए है. शासन से अनुमति आने पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. अभी जो प्रजेंटेशन दिया गया है उसमें नगर निगम के नए सदन का स्वरूप गोल आकर का है.
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि नया नगर निगम सदन 24 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा. कार्यदायी संस्था सीएनडीएस है. जिस तरह से आगरा नगर निगम का क्षेत्र बढ़ता जा रहा है, अब पुराना सदन पार्षदों के लिए छोटा पड़ रहा है. नए सदर में 400 पार्षदों के बैठने के लिए जगह होगी .
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा नया सदन: आगरा महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने नगर निगम सदन में शनिवार को नए सदन का प्रजेंटेशन देखा. उन्होंने कहा कि इस समय तेजी के साथ आगरा नगर निगम का क्षेत्र भी बढ़ता जा रहा है. बीते चुनाव में नए वार्ड भी बनाये गए हैं. अब नगर निगम में 100 वार्ड हो गए हैं. नए पार्षदों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
इसी वजह से पुराना नगर निगम का सदन अब छोटा पड़ने लगा है. पुराने सदन में सुविधाएं भी अभी उस हिसाब की हैं. इसी के मद्देनजर मार्च 2030 में नगर निगम सदन में प्रस्ताव पारित हुआ था. जो नया सदन अत्याधुनिक सुविधा से लैस बनेगा.
कैंटीन की सुविधा मिलेगी: नगर निगम के नए सदन में 400 लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी. इसके साथ ही इसमें लाइब्रेरी, कैंटीन, बैठक कक्ष के साथ ही मीडिया के बैठने के लिए स्थान भी सुनिश्चित किया जाएगा.
बजट अधिवेशन की चर्चा में पार्षदों ने यह प्रस्ताव रखा था. पार्षदों का कहना था कि पुराने बकायदारों पर ब्याज अधिक होने और टैक्स की मार अधिक पड़ने की वजह से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. यदि एक मुश्त योजना का लाभ दिया जाए तो अधिक लोग टैक्स जमा करेंगे. जिससे विभाग की आय बढ़ेगी. इस पर सदन ने निर्णय किया है कि एक मुशत योजना का लाभ केवल 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक ही मिलेगा. इसके बाद यदि कोई टैक्स जमा करता है तो उसे राहत नहीं मिल पाएगी.
ये भी पढ़ें- करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए एंबुलेंस से मरणासन्न मां को लेकर रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचा बेटा, फिर हुआ हाईवोल्टेज ड्रामा