आगरा: जनता की शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा है. आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर बड़ी कार्रवाई की है. डीएम आगरा ने 50 अधिकारियों के वेतन जारी करने पर रोक लगा दी. क्योंकि, सितंबर माह में जनसुनवाई में आगरा की 65वीं रैंक आई है. जिसको लेकर गुरुवार शाम डीएम ने जनसुनवाई की समीक्षा की. जिसके चलते शिकायतों के डिफाल्ट श्रेणी और निगेटिव फीडबैक मिलने पर 50 अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी गई. इस कार्रवाई से प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मची हुई है.
जनसुनवाई की समीक्षा में डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने निर्देश दिए हैं, कि निस्तारण में सी श्रेणी संदर्भ और असंतुष्ट फीडबैक मिलने पर विभागाध्यक्ष स्वयं जिम्मेदार होंगे. ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा. एडीएम प्रोटोकॉल प्रशांत तिवारी ने बताया, कि जिले में कुछ अधिकारियों ने शिकायतों का निस्तारण समय पर नहीं किया. जिसके कारण उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.
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इसमें शामिल जिला विद्यालय निरीक्षक,जिला उपायुक्त मनरेगा, बंदोबस्त अधिकारी, विधिक मापन विज्ञान विभाग के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, वरिष्ठ निरीक्षक, जिला आबकारी अधिकारी, अधिशासी अभियंता यांत्रिकी, अधिशासी अभियंता सिंचाई, परियोजना अधिकारी नेडा, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका (महिला), जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, प्रभागीय वन अधिकारी, पर्यावरण अधिकारी आदि शामिल हैं.
इन पर हुई कार्रवाई: आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने समीक्षा बैठक के बाद सब रजिस्टार आगरा, खाद्य एवं पूर्ति निरीक्षक बाह, खेरागढ़ तहसीलदार, खाद्य पूर्ति निरीक्षक आगरा, प्रभारी चिकित्साधिकारी बिचपुरी, प्रभारी चिकित्साधिकारी जैतपुर कलां, सहायक महानिरीक्षक स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन, सहायक विकास अधिकारी बाह पर भी कार्रवाई की है. इन सभी के वेतन पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
अग्रिम आदेश तक वेतन पर रोक: आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने समीक्षा बैठक के बाद आदेश जारी किया. सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई. उनका अग्रिम आदेशों तक वेतन आहरण पर रोक रहेगी. दोबरा से इसी तरह की लापरवाही या काम में ऐसी ही पुनरावृत्ति होने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा. बैठक में विभागों की शिकायतों के निस्तारण का शासन स्तर से फीडबैक लेने पर शिकायतकर्ता असंतुष्ट मिले. इस पर ये कार्रवाई की गई है.
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