ETV Bharat / state

हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट के बाद "सुप्रीम" झटका, नौकरियों में 5 नंबर का बोनस असंवैधानिक करार - Haryana Govt Gets Big Blow from SC

Haryana Government Gets Big Blow from Supreme Court : हरियाणा सरकार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी जोरदार झटका लगा है. सर्वोच्च अदालत ने हरियाणा में नौकरियों में 5 नंबर का बोनस देने के राज्य सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दे दिया है. वहीं हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरे मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की और युवाओं को भरोसा दिलाया है कि किसी युवा का भविष्य खराब नहीं होने दिया जाएगा. किसी की नौकरी नहीं जाएगी. उन्होंने साथ ही कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मामले में शामिल युवाओं के भविष्य को लेकर सवालिया निशान लग गया है .जानिए कि आगे क्या हो सकता है.

author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 24, 2024, 3:59 PM IST

Updated : Jun 24, 2024, 6:15 PM IST

After the High Court Haryana government got a shock from the Supreme Court bonus of 5 Numbers in jobs declared unconstitutional
हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट के बाद "सुप्रीम" झटका (Etv Bharat)

चंडीगढ़/ नई दिल्ली : हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े उम्मीदवारों को 5 नंबर का बोनस अंक देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को झटका देते हुए आज कहा कि हरियाणा सरकार का ये फैसला असंवैधानिक है.

5 बोनस अंक देने का फैसला : आपको बता दें कि हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े उम्मीदवारों को 5 बोनस अंक देने का फैसला किया था जिसे 5 मई 2022 से लागू किया गया था. सरकार के फैसले के मुताबिक अगर परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है और परिवार की आय सालाना 1.80 लाख रुपए से कम हैं तो ऐसे परिवार के आवेदक को 5 अतिरिक्त अंक का फायदा मिलता था. सरकार ने आय निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान पत्र को आधार बनाया था.

हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से झटका : हरियाणा सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के CET में 1.80 लाख रुपए के सालाना आय वाले परिवारों को इस बोनस अंक का फायदा दिया था. लेकिन बाकी उम्मीदवारों ने इस मामले को अदालत में चुनौती दे डाली. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बोनस अंक देने के फैसले को खारिज कर दिया और कहा कि ये एक तरह से आरक्षण देने जैसा है. जब आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग को पहले ही आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है तो ऐसा फैसला सरकार ने क्यों किया है. हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी लेकिन वहां से भी उसे निराशा ही हाथ लगी है.

अब क्या होगा ? : वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 2023 में निकाली गई ग्रुप सी और ग्रुप डी में नियुक्ति पा चुके युवाओं की नौकरी को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. क्या उन्हें दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा. अगर दोबारा एग्जाम होता है तो क्या सभी को देना पड़ेगा या सिर्फ बोनस अंक वालों को ही दोबारा से एग्जाम देना पड़ेगा. साथ ही ये भी सवाल है कि बोनस अंक के चलते जो युवा नौकरी से चूक गए, क्या उन्हें नौकरी मिलेगी. साथ ही ये भी बड़ा सवाल है कि जो करीब डेढ़ साल से नौकरी कर रहे हैं और उन्हें सरकार से सैलरी भी मिली है तो ऐसे हालातों में क्या उन्हें सैलरी लौटानी होगी. वहीं हरियाणा सरकार के पास ये ऑप्शन बचा है कि वो इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है. अगर फिर भी कोई राहत नहीं मिली तो भर्तियां रद्द कर नए सिरे से एग्जाम आयोजित करना पड़ेगा. राज्य में इस साल विधानसभा के चुनाव हैं, ऐसे में ये सरकार के लिए बहुत बड़ी मुसीबत के तौर पर है.

कांग्रेस का सरकार पर वार : वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूरे मामले को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए करारा वार किया है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि आज ये भी साबित हो गया कि असली “भर्ती रोको गैंग” हरियाणा की भाजपा सरकार है. रणदीप ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके ‘HSSC – हेरा फेरी साँठ-गाँठ सर्विस कमीशन’ ने हरियाणा के युवाओं के भविष्य की भ्रूण हत्या कर दी है. ये नाक़ाबिले माफ़ी अपराध है. मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा दें और HSSC बर्खास्त हो.

हरियाणा सीएम ने क्या कहा ? : वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरे मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम 50 हजार नौकरियां देंगे. हम किसी को नौकरी से निकलने नहीं देंगे. कांग्रेस पर भी उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में नौकरियों की बोली लगती थी. कांग्रेस के लोग भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं. कांग्रेस के लोग इस मुद्दे पर ओछी राजनीति कर रहे हैं. वे झूठ और भ्रम फैला रहे हैं. अगर वो इन गरीब बच्चों के खिलाफ हैं तो वो इस पर विचार करें. हमारी सरकार गरीब बच्चों के लिए लड़ रही है. अगर जरुरत पड़ी तो हम विधानसभा में विधेयक लाएंगे. हम दोबारा कोर्ट में जाएंगे, लेकिन हम इन गरीबों के साथ हैं. अगर इस योजना के जरिए गरीब और अनाथों के घर दीपक जला तो कांग्रेस को इससे क्या दिक्कत है. कांग्रेस के समय में युवाओं में निराशा और हताशा फैल गईं थी. सुरजेवाला को सही जानकारी नहीं होती, वे बस ट्वीट कर आरोप लगाते हैं. वो भ्रम फैलाते हैं. वे अपनी सरकार के कार्यकाल को नहीं देखते कि तब बच्चों के साथ क्या होता था. मैं कहना चाहता हूं किसी युवा की नौकरी को कोई ख़तरा नहीं है. कांग्रेस के डीएनए में झूठ फैलाना रचा बसा हुआ है.

हरियाणा समेत देश की ताजा ख़बरें पढ़ने के लिए ईटीवी भारत ऐप डाउनलोड करें. यहां आपको मिलेंगी तमाम बड़ी ख़बरें, हर बड़ा अपडेट, वो भी सबसे सटीक और डिटेल एनालिसिस के साथ - Download App

ये भी पढ़ें : OBC को हरियाणा CM का "बिग गिफ्ट"...नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने का ऐलान, क्रीमिलेयर की बढ़ाई वार्षिक आय सीमा

ये भी पढ़ें : बस 7 दिन का करिए इंतज़ार, झमाझम होगी बरसात, भीगने के लिए हो जाइए तैयार...

ये भी पढ़ें : दामाद ने कुल्हाड़ी से ससुर को मार डाला, बीवी की दूसरी शादी से था नाराज़

चंडीगढ़/ नई दिल्ली : हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. हरियाणा में सरकारी भर्ती परीक्षा में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े उम्मीदवारों को 5 नंबर का बोनस अंक देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को झटका देते हुए आज कहा कि हरियाणा सरकार का ये फैसला असंवैधानिक है.

5 बोनस अंक देने का फैसला : आपको बता दें कि हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने नौकरियों में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े उम्मीदवारों को 5 बोनस अंक देने का फैसला किया था जिसे 5 मई 2022 से लागू किया गया था. सरकार के फैसले के मुताबिक अगर परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है और परिवार की आय सालाना 1.80 लाख रुपए से कम हैं तो ऐसे परिवार के आवेदक को 5 अतिरिक्त अंक का फायदा मिलता था. सरकार ने आय निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान पत्र को आधार बनाया था.

हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से झटका : हरियाणा सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के CET में 1.80 लाख रुपए के सालाना आय वाले परिवारों को इस बोनस अंक का फायदा दिया था. लेकिन बाकी उम्मीदवारों ने इस मामले को अदालत में चुनौती दे डाली. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बोनस अंक देने के फैसले को खारिज कर दिया और कहा कि ये एक तरह से आरक्षण देने जैसा है. जब आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग को पहले ही आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है तो ऐसा फैसला सरकार ने क्यों किया है. हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी लेकिन वहां से भी उसे निराशा ही हाथ लगी है.

अब क्या होगा ? : वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 2023 में निकाली गई ग्रुप सी और ग्रुप डी में नियुक्ति पा चुके युवाओं की नौकरी को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं. क्या उन्हें दोबारा एग्जाम देना पड़ेगा. अगर दोबारा एग्जाम होता है तो क्या सभी को देना पड़ेगा या सिर्फ बोनस अंक वालों को ही दोबारा से एग्जाम देना पड़ेगा. साथ ही ये भी सवाल है कि बोनस अंक के चलते जो युवा नौकरी से चूक गए, क्या उन्हें नौकरी मिलेगी. साथ ही ये भी बड़ा सवाल है कि जो करीब डेढ़ साल से नौकरी कर रहे हैं और उन्हें सरकार से सैलरी भी मिली है तो ऐसे हालातों में क्या उन्हें सैलरी लौटानी होगी. वहीं हरियाणा सरकार के पास ये ऑप्शन बचा है कि वो इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है. अगर फिर भी कोई राहत नहीं मिली तो भर्तियां रद्द कर नए सिरे से एग्जाम आयोजित करना पड़ेगा. राज्य में इस साल विधानसभा के चुनाव हैं, ऐसे में ये सरकार के लिए बहुत बड़ी मुसीबत के तौर पर है.

कांग्रेस का सरकार पर वार : वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूरे मामले को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए करारा वार किया है. रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि आज ये भी साबित हो गया कि असली “भर्ती रोको गैंग” हरियाणा की भाजपा सरकार है. रणदीप ने कहा कि भाजपा सरकार और उसके ‘HSSC – हेरा फेरी साँठ-गाँठ सर्विस कमीशन’ ने हरियाणा के युवाओं के भविष्य की भ्रूण हत्या कर दी है. ये नाक़ाबिले माफ़ी अपराध है. मुख्यमंत्री इस्तीफ़ा दें और HSSC बर्खास्त हो.

हरियाणा सीएम ने क्या कहा ? : वहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने पूरे मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम 50 हजार नौकरियां देंगे. हम किसी को नौकरी से निकलने नहीं देंगे. कांग्रेस पर भी उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में नौकरियों की बोली लगती थी. कांग्रेस के लोग भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं. कांग्रेस के लोग इस मुद्दे पर ओछी राजनीति कर रहे हैं. वे झूठ और भ्रम फैला रहे हैं. अगर वो इन गरीब बच्चों के खिलाफ हैं तो वो इस पर विचार करें. हमारी सरकार गरीब बच्चों के लिए लड़ रही है. अगर जरुरत पड़ी तो हम विधानसभा में विधेयक लाएंगे. हम दोबारा कोर्ट में जाएंगे, लेकिन हम इन गरीबों के साथ हैं. अगर इस योजना के जरिए गरीब और अनाथों के घर दीपक जला तो कांग्रेस को इससे क्या दिक्कत है. कांग्रेस के समय में युवाओं में निराशा और हताशा फैल गईं थी. सुरजेवाला को सही जानकारी नहीं होती, वे बस ट्वीट कर आरोप लगाते हैं. वो भ्रम फैलाते हैं. वे अपनी सरकार के कार्यकाल को नहीं देखते कि तब बच्चों के साथ क्या होता था. मैं कहना चाहता हूं किसी युवा की नौकरी को कोई ख़तरा नहीं है. कांग्रेस के डीएनए में झूठ फैलाना रचा बसा हुआ है.

हरियाणा समेत देश की ताजा ख़बरें पढ़ने के लिए ईटीवी भारत ऐप डाउनलोड करें. यहां आपको मिलेंगी तमाम बड़ी ख़बरें, हर बड़ा अपडेट, वो भी सबसे सटीक और डिटेल एनालिसिस के साथ - Download App

ये भी पढ़ें : OBC को हरियाणा CM का "बिग गिफ्ट"...नौकरियों में आरक्षण बढ़ाने का ऐलान, क्रीमिलेयर की बढ़ाई वार्षिक आय सीमा

ये भी पढ़ें : बस 7 दिन का करिए इंतज़ार, झमाझम होगी बरसात, भीगने के लिए हो जाइए तैयार...

ये भी पढ़ें : दामाद ने कुल्हाड़ी से ससुर को मार डाला, बीवी की दूसरी शादी से था नाराज़

Last Updated : Jun 24, 2024, 6:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.