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बच्चों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़, हादसों को न्योता दे रहे ये लकड़ी के पुल - Banjar valley

कुल्लू में भी बीते साल हुई भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ था. नदी, नालों पर बनाए गए पुल बह गए थे. कई खेत खलिहान भी इसकी चपेट में आ गए. आपदा के बाद नदी नालों पर प्रशासन और पंचायत ने अस्थाई पुलों की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन अभी तक नदी नालों को पार करने के लिए स्थाई पुल की व्यवस्था नहीं हो पाई है. ऐसे में रोजाना स्कूल आने जाने वाले छात्रों को लकड़ी के पुल से नदी नालों को पार करना पड़ रहा है, जिससे कभी भी अनहोनी का अंदेशा भी बना हुआ है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 1:04 PM IST

Updated : Jun 21, 2024, 2:02 PM IST

BANJAR VALLEY
अस्थाई पुल से गुजरते स्कूली बच्चे और ग्रामीण (ईटीवी भारत)

कुल्लू: आजादी के बाद पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने विकास की नई इबारत लिखी है. बीते साल प्रदेश में आई आपदा ने ऐसे जख्म दिए जो आज तक नहीं भरे हैं. इन्हें भरने में अभी लंबा समय लगेगा. भारी बारिश और बाढ़ में लोगों के घर, रास्ते, पुल बह गए. कई क्षेत्रों में अभी भी नए पुलों का निर्माण नहीं हो पाया है. यहां लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नालों और नदियों को पार कर रहे हैं.

कुल्लू में भी बीते साल हुई भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ था. नदी, नालों पर बनाए गए पुल बह गए थे. कई खेत खलिहान भी इसकी चपेट में आ गए. ऐसे में आपदा के बाद नदी नालों पर प्रशासन और पंचायत ने अस्थाई पुलों की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन अभी तक नदी नालों को पार करने के लिए स्थाई पुल की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की सैंज घाटी की बात करें तो यहां पर सैंज से शैंशर, न्यूली सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में जाने के लिए लोगों को नदी नाले पार करने पड़ते हैं. कुछ जगह पर तो प्रशासन ने झूला पुल की व्यवस्था की है. कुछ जगहों पर लकड़ी के अस्थाई पुल बनाए गए हैं. ऐसे में रोजाना स्कूल आने जाने वाले छात्रों को लकड़ी के पुल से नदी नालों को पार करना पड़ रहा है, जिससे कभी भी अनहोनी का अंदेशा भी बना हुआ है.

इसके अलावा अब बरसात का मौसम फिर से आने वाला है और नदी नालों का बढ़ता जलस्तर भी एक बार फिर से कहर बरपा सकता है. घाटी के स्थानीय निवासी महेंद्र कुमार, लोत राम, महेश कुमार, राजीव, मनोज का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने यहां कुछ झूला पुल की ऊंचाई बढ़ाने कवायद की है, लेकिन कई जगह ऐसी है जहां पर स्थाई पुल की काफी आवश्यकता है. उन्हें हमेशा डर रहता है कि नदी नालों में जलस्तर बढ़ने के कारण कभी भी उनके बच्चों के साथ कोई हादसा हो सकता है. अब प्रशासन सुरक्षित जगह पर स्थाई पुल की व्यवस्था करे, ताकि बरसात के दिनों में छात्रों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें: शिमला के जुब्बल में खाई में गिरी HRTC बस, ड्राइवर-कंडक्टर समेत 4 लोगों की मौत, 3 गंभीर घायल

कुल्लू: आजादी के बाद पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने विकास की नई इबारत लिखी है. बीते साल प्रदेश में आई आपदा ने ऐसे जख्म दिए जो आज तक नहीं भरे हैं. इन्हें भरने में अभी लंबा समय लगेगा. भारी बारिश और बाढ़ में लोगों के घर, रास्ते, पुल बह गए. कई क्षेत्रों में अभी भी नए पुलों का निर्माण नहीं हो पाया है. यहां लोग जान जोखिम में डालकर उफनते नालों और नदियों को पार कर रहे हैं.

कुल्लू में भी बीते साल हुई भारी बारिश से भारी नुकसान हुआ था. नदी, नालों पर बनाए गए पुल बह गए थे. कई खेत खलिहान भी इसकी चपेट में आ गए. ऐसे में आपदा के बाद नदी नालों पर प्रशासन और पंचायत ने अस्थाई पुलों की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन अभी तक नदी नालों को पार करने के लिए स्थाई पुल की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की सैंज घाटी की बात करें तो यहां पर सैंज से शैंशर, न्यूली सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में जाने के लिए लोगों को नदी नाले पार करने पड़ते हैं. कुछ जगह पर तो प्रशासन ने झूला पुल की व्यवस्था की है. कुछ जगहों पर लकड़ी के अस्थाई पुल बनाए गए हैं. ऐसे में रोजाना स्कूल आने जाने वाले छात्रों को लकड़ी के पुल से नदी नालों को पार करना पड़ रहा है, जिससे कभी भी अनहोनी का अंदेशा भी बना हुआ है.

इसके अलावा अब बरसात का मौसम फिर से आने वाला है और नदी नालों का बढ़ता जलस्तर भी एक बार फिर से कहर बरपा सकता है. घाटी के स्थानीय निवासी महेंद्र कुमार, लोत राम, महेश कुमार, राजीव, मनोज का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने यहां कुछ झूला पुल की ऊंचाई बढ़ाने कवायद की है, लेकिन कई जगह ऐसी है जहां पर स्थाई पुल की काफी आवश्यकता है. उन्हें हमेशा डर रहता है कि नदी नालों में जलस्तर बढ़ने के कारण कभी भी उनके बच्चों के साथ कोई हादसा हो सकता है. अब प्रशासन सुरक्षित जगह पर स्थाई पुल की व्यवस्था करे, ताकि बरसात के दिनों में छात्रों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें: शिमला के जुब्बल में खाई में गिरी HRTC बस, ड्राइवर-कंडक्टर समेत 4 लोगों की मौत, 3 गंभीर घायल

Last Updated : Jun 21, 2024, 2:02 PM IST
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