ETV Bharat / state

टोल लेने के बाद हाइवे रोड को दुरुस्त रखने का दायित्व कंपनी का, NHAI की अपील खारिज

राज्य उपभोक्ता आयोग ने कहा- टोल लेने के बाद हाइवे रोड को दुरुस्त रखने का दायित्व कंपनी का, NHAI की अपील की खारिज.

ETV BHARAT JAIPUR
NHAI की अपील खारिज (ETV BHARAT JAIPUR)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 30, 2024, 8:48 PM IST

जयपुर : राज्य उपभोक्ता आयोग ने नेशनल हाइवे रोड पर गड्डे होने को गंभीर मानते हुए कहा कि टोल लेने के बाद विपक्षी कंपनी का दायित्व है कि वो हाइवे को दुरुस्त रखे. वहीं, आयोग ने एनएचएआई की अपील खारिज करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के 8 अप्रैल, 2022 के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें विपक्षी पर 32,500 रुपए हर्जाना लगाते हुए वाहन मरम्मत राशि 9450 रुपए ब्याज सहित परिवादी को देने के लिए कहा था. आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी व एसके जैन ने यह आदेश एनएचएआई की अपील पर दिया.

अधिवक्ता अभिमन्यु सिंह ने बताया कि परिवादी राजेंद्र सिंह यादव 24 जून, 2014 को अलवर से जयपुर कार से आ रहे थे. इस दौरान सुबह 9.48 बजे उसने मनोहरपुर टोल प्लाजा पर 55 रुपए का टोल चुकाया और दौलतपुरा टोल प्लाजा पर 46 रुपए देकर जयपुर की ओर आगे बढ़े, लेकिन वहां से दो किमी दूर हाइवे की टूटी रोड के कारण उनकी कार अनियंत्रित होकर उछल गई. इससे कार का टायर फट गया और पीछे की कमानी टूट गई. साथ ही शौकर भी डैमेज हो गया. परिवादी ने वहां से कार टोचन कर उसे मैकेनिक के पास भिजवाया.

इसे भी पढ़ें - पैरवी के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ, चिकित्सा निदेशक 25 हजार के जमानती वारंट से तलब

कार की मरम्मत में 9450 रुपए का खर्चा आया. इसे परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम में चुनौती देते हुए कहा कि रोड का टोल लेने के बाद उसे सही रखने का दायित्व कंपनी का है. इसलिए उसे विपक्षी से हर्जा-खर्चा दिलवाया जाए. जिला आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला दिया. इसके खिलाफ एनएचएआई ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की. जिस पर सुनवाई करते हुए राज्य आयोग ने जिला आयोग का फैसला बरकरार रख अपील खारिज कर दी.

जयपुर : राज्य उपभोक्ता आयोग ने नेशनल हाइवे रोड पर गड्डे होने को गंभीर मानते हुए कहा कि टोल लेने के बाद विपक्षी कंपनी का दायित्व है कि वो हाइवे को दुरुस्त रखे. वहीं, आयोग ने एनएचएआई की अपील खारिज करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के 8 अप्रैल, 2022 के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें विपक्षी पर 32,500 रुपए हर्जाना लगाते हुए वाहन मरम्मत राशि 9450 रुपए ब्याज सहित परिवादी को देने के लिए कहा था. आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी व एसके जैन ने यह आदेश एनएचएआई की अपील पर दिया.

अधिवक्ता अभिमन्यु सिंह ने बताया कि परिवादी राजेंद्र सिंह यादव 24 जून, 2014 को अलवर से जयपुर कार से आ रहे थे. इस दौरान सुबह 9.48 बजे उसने मनोहरपुर टोल प्लाजा पर 55 रुपए का टोल चुकाया और दौलतपुरा टोल प्लाजा पर 46 रुपए देकर जयपुर की ओर आगे बढ़े, लेकिन वहां से दो किमी दूर हाइवे की टूटी रोड के कारण उनकी कार अनियंत्रित होकर उछल गई. इससे कार का टायर फट गया और पीछे की कमानी टूट गई. साथ ही शौकर भी डैमेज हो गया. परिवादी ने वहां से कार टोचन कर उसे मैकेनिक के पास भिजवाया.

इसे भी पढ़ें - पैरवी के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ, चिकित्सा निदेशक 25 हजार के जमानती वारंट से तलब

कार की मरम्मत में 9450 रुपए का खर्चा आया. इसे परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम में चुनौती देते हुए कहा कि रोड का टोल लेने के बाद उसे सही रखने का दायित्व कंपनी का है. इसलिए उसे विपक्षी से हर्जा-खर्चा दिलवाया जाए. जिला आयोग ने परिवादी के पक्ष में फैसला दिया. इसके खिलाफ एनएचएआई ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की. जिस पर सुनवाई करते हुए राज्य आयोग ने जिला आयोग का फैसला बरकरार रख अपील खारिज कर दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.