नई दिल्ली: दिल्ली के कई इलाके जल संकट की स्थिति से जूझ रहे है. दिल्लीवासियों को हो रही समस्या के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई गई है. दिल्ली प्रदेश भाजपा की मंत्री व नवनिर्वाचित सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा है कि दिल्ली में जल की कमी का कोई संकट नही है. असल में दिल्ली में एक ओर जल वितरण के लिए समर एक्शन प्लान का अभाव है वहीं दूसरी तरफ सरकार वाटर लीकेज से होने वाली बर्बादी को रोकने में असमर्थ रही है.
बांसुरी स्वराज ने कहा कि भाजपा लगातार कहती रही है कि दिल्ली को सभी स्रोतों से एग्रीमेंट के अनुसार पूरा पानी मिल रहा है. यदि किसी भी कारण से सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी चाहिए तो उसे आपसी बातचीत से पड़ोसी राज्यों से लेना होगा या फिर यमुना नदी बोर्ड से मांगना होगा.
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बांसुरी स्वराज ने कहा की यह खेदपूर्ण है कि जल चोरी एवं बर्बादी रोकने में असफल केजरीवाल सरकार ने खुद की गलतियों से उत्पन्न समस्या को पानी की कमी का संकट बता कर पड़ोसी राज्यों पर डालने का प्रयास किया. और मामले को माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी ले गई. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी एक ओर लगातार कहती रहीं कि हिमाचल प्रदेश हमें अतिरिक्त जल देना चाहता है और दूसरी ओर हरियाणा पर पूरा जल नहीं देने का आरोप लगाती रहीं.
बांसुरी स्वराज ने बताया कि आज केजरीवाल सरकार और उसकी मंत्री आतिशी की पोल पूरी तरह खुल गई जब सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार ने कहा हमारे पास कोई अतिरिक्त जल नहीं है. वहीं हरियाणा ने भी कोर्ट को संतुष्ट किया कि वह पूरा जल दिल्ली को दे रहा है. हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों का तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई. कहा कि आखिर क्यों वह 2019 से साल दर साल हर गर्मी में माननीय सुप्रीम कोर्ट आती है, जबकि जल आवंटन समस्या का समाधान पड़ोसी राज्यों से बातचीत अथवा यमुना जल बोर्ड से बात करने से ही निकल सकता है. सुप्रीम कोर्ट का यह कहना कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर चोरी नहीं रोक सकती तो हम इसे दिल्ली पुलिस को सौंप देते हैं. ये केजरीवाल सरकार को तमाचा है.
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