शिमला: दिल्ली से लौटने के बाद लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह अलग अंदाज में नजर आए. उन्होंने कि मुझे हाईकमान ने दिल्ली तलब नहीं किया था. उनका देश की राजधानी जाने का कार्यक्रम पहले से तय था. उन्होंने कहा कि जब मैं दिल्ली जाता हूं तो समय समय पर शीर्ष नेतृत्व से मिलने का कार्यक्रम होता है. इसलिए लिए ये प्रचार करना कि मुझे हाईकमान ने तलब किया था, ये सही नहीं हैं.
हाल ही में भोजनालय, रेहड़ी फड़ी को लेकर दिए गए बयान में विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि उनके लिए आई-कार्ड अनिवार्य है, जिस पर शिमला से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई थी. ऐसे में सुक्खू सरकार में CPS एवं कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट संजय अवस्थी ने किसी मंत्री का नाम लिए बगैर कहा था जब जिम्मेदारी बड़ी है तो सोच भी बड़ी रखनी चाहिए. इस पर विक्रमादित्य सिंह ने CPS को जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि, 'मेरी जवाबदेही केवल पार्टी हाईकमान, मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के प्रति है, जो मेरे से ओहदे में ऊपर हैं. इसके अतिरिक्त उनकी किसी भी संवैधानिक या गैर संवैधानिक संस्था के प्रति कोई जवाबदेही नहीं है.'
प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा महत्वपूर्ण
भोजनालय और रेहड़ी फड़ी के लिए आईडी कार्ड को लेकर जारी बयान को लेकर विक्रमादित्य सिंह का दो टूक कहना है कि, 'प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा महत्वपूर्ण है. उनके बयान को लेकर राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया है. स्ट्रीट वेंडर प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 में पंजीकरण का प्रावधान है, जिसे तब लागू किया गया था, जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी. हिमाचल में भी साल 2016 में संशोधन के साथ लागू किया गया. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट भी साल 2010 और 2012 में मजबूती के साथ इसे लागू करने की बात कह चुका है. वहीं प्रदेश हाईकोर्ट ने भी इसे 2023 में लागू करने को कहा है. ऐसे में इन कानून के दायरे में रह कर इसे लागू किया जाएगा. इससे बाहर एक इंच भी नहीं जाया जाएगा.'
हिमाचल के मुद्दे उठाना भी मेरी प्राथमिकता
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, 'मैं पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता हूं. प्रदेश में पार्टी के निर्देशों को लागू करना और पार्टी के सिद्धांतों पर चलना हमारा दायित्व है, लेकिन मैने हाई कमान को ये भी कहा है कि हिमाचल के 70 लाख लोगों के मुद्दे को उठाना भी मेरी जिम्मेवारी है, जिससे मैं पीछे नहीं हटूंगा. बेडिंग जोन के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कमेटी बनी है, जिसमें सभी कानूनी पहलुओं पर चर्चा होगी. हिमाचल के हित सबसे पहले हैं. हिमाचल में किसी भी प्रांत से किसी भी धर्म और जाति के लोग रोजगार के लिए आ सकते हैं, लेकिन कानून के तहत हिमाचली और गैर हिमाचली सभी के लिए वेरिफिकेशन जरूरी है. पार्टी हाईकमान को वस्तु स्थिति और एक्ट के प्रावधान से अवगत कराया है. पार्टी हाईकमान पंजीकरण को लेकर नाराज नहीं है. हाईकमान का कन्सर्न दूसरे राज्य से पंजीकरण को जोड़ने की वजह से है.'