अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से रोजाना श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. अब तक राम मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ 75 लाख से अधिक पहुंच गई है. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने दावा किया है कि, इस महीने के अंत तक यह संख्या 2 करोड़ पार हो जाएगा. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के 5 महीने पूरे हो चुके हैं.
राम मंदिर निर्माण का कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. और मंदिर के परकोटे को मार्च 2025 तक पूरा करने के लक्ष्य को लेकर कार्य किया जा रहा है. जिसकी समीक्षा के लिए मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में पहले दिन रविवार को चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में ट्रस्ट सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और निर्माण कंपनी एलएंडटी के इंजीनियरों के साथ निर्माण स्थल का निरीक्षण किया.
बैठक में बरसात के मौसम में गर्मी कम होने से निर्माण की गति तेज करने का निर्देश दिया गया है. बरसात के मौसम में होने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन व्यवस्था को लेकर भी मंथन किया. तो वहीं दूसरी पाली में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से संचालित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय के निर्माण कार्य को लेकर मंथन किया गया. सरयू तट स्थित संग्रहालय में रामचरितमानस सहित राम मंदिर के प्राचीन अवशेष और रखे गए अन्य धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा. जहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए भी तमाम सुविधाएं तैयार की जाएगी.
मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद से राम मंदिर में अब तक एक करोड़ 75 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. और इस महीने के अंत तक यह संख्या बढ़कर 2 करोड़ से अधिक हो जाएगी. वहीं मिश्रा ने कहा कि मंदिर का प्रथम तल जो निर्माणाधीन है वह जुलाई के अंत तक पूरा हो जाएगा. उसके बाद केवल दूसरे तल का निर्माण कार्य ही बाकी रहेगा, और दिसंबर 2024 तक मंदिर का कार्य पूरा हो जाएगा. जो कुछ कार्य मंदिर के लोवर प्लिंथ में राम कथाओं से सजे पत्थरों को लगाए जाने है. वह भी कार्य संतोषजनक है. उन्होंने बताया कि जो लक्ष्य है जुलाई 2025 तक परिसर में सप्त मंदिर का निर्माण और अन्य जो भवन है उसका निर्माण भी पूर्ण हो जाएगा.
राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन मंदिर में जो सप्त मंदिर है और राम दरबार है उसमें राजस्थान के संगमरमर के पत्थरों का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए एक टेंडर को जारी किया गया है. इस माह के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. और उसके बाद यह निर्णय ले लिया जाएगा की मूर्तियों का निर्माण किन शिल्पकारों की ओर से किया जाएगा.