लखीमपुर खीरी : सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव गंगाबेंहड़ में शनिवार को तेंदुआ 11 साल के बच्चे को पिता के हाथ से खींचकर ले गया था. बाद में बच्चे का अधखाया शव मिला था. इसके बाद रविवार को तेंदुए ने फिर से गांव के ही एक व्यक्ति पर हमला कर दिया. इससे भड़के ग्रामीणों ने लखीमपुर पलिया मार्ग पर बच्चे का शव रखकर जाम लगा दिया. मौके पर पुलिस पहुंची तो उसकी ग्रामीणों से झड़प हो गई. पथराव होने लगा. इस दौरान कोतवाल की गाड़ी का शीशा टूट गया और एक महिला सिपाही घायल हो गई. पुलिस हालात को नियंत्रित करने में लगी है.
शनिवार शाम गांव में तेंदुए ने तब हमला किया जब मुनव्वर अपने बेटे छोटू (11) का हाथ पकड़कर घर लौट रहा था. बताते हैं कि रास्ते में गन्ने के खेत में घात लगाए तेंदुए ने पिता के हाथ से बेटे को छीन ले गया और खेत में खींच ले गया. बाद में बच्चे का शव खेत में अधखाया मिला. रविवार को बच्चे के शव का पोस्टमार्टम होना था. इस बीच सूचना मिली कि तेंदुए ने फिर से एक ग्रामीण पर हमला कर दिया है. यह सुनकर ग्रामीण बेकाबू हो गए और बच्चे का शव हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया.
कुछ देर बाद पुलिस पहुंची तो ग्रामीण भड़क उठे. पुलिस और वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ देर में पथराव भी होने लगा. इसमें कोतवाल की गाड़ी और एक महिला सिपाही घायल हो गई. पुलिस ने ग्रामीणों को किसी तरह समझाया और बच्चे का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पूरे मामले पर क्षेत्राधिकार सदर रमेश तिवारी ने बताया कि शनिवार को पिता के साथ जा रहे बेटे को तेंदुए ने अपना निवाला बना लिया था. आज सुबह फिर एक ग्रामीण पर तेंदुए ने हमला कर दिया, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की तरफ से न तो कोई पिंजरा लगाया गया, न ही कोई व्यवस्था की गई. कुछ अराजकत लोगों ने भीड़ का फायदा उठाते हुए पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. जिससे पुलिस की एक-दो गाड़ी के शीशे टूटे हैं. मौके पर एसडीएम सदर सहित जनपद के कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद है.
बच्ची को उठा ले गया था जंगली जानवर, शव मिला: बीती शनिवार की शाम पढुआ थाना इलाके के कुतैया गांव में एक तीन साल की बच्ची को जंगली जानवर उठा ले गया था. बच्ची का शव रविवार सुबह अधखायी हालत में नदी किनारे मिला है. गांव में हैदर अली की तीन साल की बच्ची घर में बने टीन शेड के नीचे सो रही थी. तभी एक जंगली जानवर घर में घुस आया. आहट होने पर बच्ची की मां सरमीम बानो पीछे दौड़ी लेकिन जंगली जानवर बच्ची को उठा ले गया. बच्ची को गांव के लोग रात भर खोजते रहे, पर कुछ पता नहीं चला. रविवार सुबह बच्ची का शव घाघरा नदी के किनारे मिला. शव पर जंगली जानवर के दांतों के निशान थे. शव का कुछ हिस्सा जानवर खा भी गया था. गांववालों का कहना है कि दो भेड़िए घुसे थे. इधर, दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा का कहना है कि जानवर की अभी पहचान नहीं हुई है. उस इलाके में तेंदुआ की आमद रहती है. जांच कराई जा रही है.
सियार के हमले में घायल चौकीदार की मौत: वहीं, धौरहरा कोतवाली में चौकीदार रहे टेंगनहा गांव निवासी रामरतन की एक महीने चले इलाज के बाद मौत हो गई. रामरतन 45 साल के थे. कोतवाली धौरहरा में रामरतन चौकीदारी थे. एक महीने पहले अपनी पत्नी के साथ खेत में काम कर रहे थे, तभी एक सियार ने पत्नी रामादेवी पर हमला कर दिया. पत्नी को बचाने के लिए रामरतन ने सियार को भगाने का प्रयास किया तो सियार ने रामरतन को नोंच डाला. घायल रामरतन का इलाज शुरू हुआ लेकिन रैबीज फैलने से उनकी हालत बिगड़ गई और दम तोड़ दिया. गौरतलब कि सदर तहसील के गंगा बेहड़ गांव में भी पिता के साथ गेंहू पिसाकर लौट रहे एक 10 साल के बच्चे को तेंदुए ने शनिवार को हमला कर मौत के घाट उतार दिया था.