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चंबल नदी के चारों डैम हुए लबालब, पानी की निकासी शुरू, कोटा से लेकर धौलपुर तक नदी खतरे के निशान से ऊपर - Chambal Dams Overflowed

चंबल नदी के चारों बांधों में पानी की अच्छी आवक के बाद पानी की निकासी की जा रही है. गांधी सागर से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. कोटा बैराज से भी 68 हजार क्यूसेक पानी की निकासी चंबल नदी में शुरू कर दी गई है.

बांधों से पानी की निकासी
बांधों से पानी की निकासी (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 29, 2024, 4:08 PM IST

कोटा : प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश के बीच चंबल नदी के चारों बांध लबालब हो गए हैं. बांधों में पानी की आवक होने के बाद अब पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. गांधी सागर से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. कोटा बैराज से भी भारी पानी की निकासी चंबल नदी में शुरू कर दी गई है. कोटा बैराज के सात गेट खोले गए हैं, जिनकी कुल ओपनिंग 54 फीट है.

जल संसाधन विभाग की कनिष्ठ अभियंता फूलन्ता नागर ने बताया कि कोटा बैराज से करीब 68 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि बैराज में इनफ्लो 45,600 क्यूसेक हो रहा है. ऐसे में बांध का गेज 853 फीट पहुंच गया है, जबकि इसका गेज 852 फीट पर मेंटेन करना है. जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी ने बताया कि गांधी सागर से 62,200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें तीन गेट खोलकर 58,500 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है, जबकि मशीन से 2600 क्यूसेक छोड़ा जा रहा है. गांधी सागर डैम की कुल क्षमता 1312 फीट है, जबकि इसका गेज 1311.41 फीट पहुंच गया है.

इसे भी पढ़ें- धौलपुर में पार्वती के बाद अब चंबल नदी उफान पर, राजाखेड़ा का एक दर्जन गांवों से संपर्क कटा - Chambal river is in spate

बांधों से पानी की निकासी जारी : गांधी सागर से लगातार पानी निकासी होने के चलते राणा प्रताप सागर बांध भी फुल हो गया है. इसमें पानी का लेवल 1157.46 फीट तक पहुंच गया है. यहां पर इनफ्लो 66,000 क्यूसेक है. दो गेट पूरे खोल कर 68,600 और मशीन से 8900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. इस बांध से कुल 77,500 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है.

वहीं, जवाहर सागर डैम से 64,500 गेटों के जरिए डिस्चार्ज किया जा रहा है, जबकि मशीन के जरिए 11200 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. यहां पर कुल 75700 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रहा है. इसके लिए 4 गेट 10-10 फ़ीट खोले गए हैं. इस बांध का गेज 975 फीट पर पहुंच गया है. चंबल नदी के चारों डैम फुल हो जाने के चलते किसानों के भी चेहरे खुशी से खिल गए हैं. किसानों को खरीफ के सीजन में पर्याप्त पानी चंबल की नहरों से मिलेगा. इन बांधों से राजस्थान और मध्य प्रदेश की लाखों हेक्टेयर एरिया को सिंचित किया जाता है.

कोटा : प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश के बीच चंबल नदी के चारों बांध लबालब हो गए हैं. बांधों में पानी की आवक होने के बाद अब पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. गांधी सागर से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. कोटा बैराज से भी भारी पानी की निकासी चंबल नदी में शुरू कर दी गई है. कोटा बैराज के सात गेट खोले गए हैं, जिनकी कुल ओपनिंग 54 फीट है.

जल संसाधन विभाग की कनिष्ठ अभियंता फूलन्ता नागर ने बताया कि कोटा बैराज से करीब 68 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि बैराज में इनफ्लो 45,600 क्यूसेक हो रहा है. ऐसे में बांध का गेज 853 फीट पहुंच गया है, जबकि इसका गेज 852 फीट पर मेंटेन करना है. जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी ने बताया कि गांधी सागर से 62,200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसमें तीन गेट खोलकर 58,500 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है, जबकि मशीन से 2600 क्यूसेक छोड़ा जा रहा है. गांधी सागर डैम की कुल क्षमता 1312 फीट है, जबकि इसका गेज 1311.41 फीट पहुंच गया है.

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बांधों से पानी की निकासी जारी : गांधी सागर से लगातार पानी निकासी होने के चलते राणा प्रताप सागर बांध भी फुल हो गया है. इसमें पानी का लेवल 1157.46 फीट तक पहुंच गया है. यहां पर इनफ्लो 66,000 क्यूसेक है. दो गेट पूरे खोल कर 68,600 और मशीन से 8900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. इस बांध से कुल 77,500 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है.

वहीं, जवाहर सागर डैम से 64,500 गेटों के जरिए डिस्चार्ज किया जा रहा है, जबकि मशीन के जरिए 11200 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. यहां पर कुल 75700 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रहा है. इसके लिए 4 गेट 10-10 फ़ीट खोले गए हैं. इस बांध का गेज 975 फीट पर पहुंच गया है. चंबल नदी के चारों डैम फुल हो जाने के चलते किसानों के भी चेहरे खुशी से खिल गए हैं. किसानों को खरीफ के सीजन में पर्याप्त पानी चंबल की नहरों से मिलेगा. इन बांधों से राजस्थान और मध्य प्रदेश की लाखों हेक्टेयर एरिया को सिंचित किया जाता है.

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