कानपुर: यूपी के कानपुर के साढ़ थाना के भीतरगांव चौकी में एक ताबूत में रखे कंकाल को आखिर 4 साल के लंबे इंतजार के बाद दो गज जमीन नसीब हो सकी. पहचान नहीं होने के चलते कंकाल की पुलिस 4 साल से सुरक्षा कर रही थी. कई सालों से शव की शिनाख्त न होने के कारण पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट को सुरक्षित रखकर रविवार को ताबूत में रखे कंकाल को सरकारी भूमि पर विधि विधान से दफन कर दिया.
पुलिस के मुताबिक शहर के साढ़ थाना इलाके के बेहटा बुजुर्ग गांव में 30 सितंबर 2020 पुलिस को पेड़ पर लटका एक शव मिला था. शव कई दिनों पुराना था और उसमें सिर्फ कंकाल ही बचा था. कंकाल एक पुरुष का था. पुलिस ने फोरेंसिक टीम की मदद से घटनास्थल से सबूत जुटाकर कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. लेकिन तब पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने कंकाल के शिनाख्त की काफी कोशिश की लेकिन कोई सामने नहीं आया था.
पोस्टमार्टम के बाद कंकाल से सैंपल लेकर उसे डीएनए टेस्ट के लिए विधि विज्ञान विभाग प्रयोगशाला झांसी भेजा गया था. वहीं,पोस्टमार्टम हाउस से कर्मचारियों ने कंकाल को रखने से मना कर दिया था. तब से यह कंकाल भीतरगांव चौकी के एक कमरे में ताबूत के अंदर बंद रखा था और करीब 4 साल से इसकी पुलिस रखवाली कर रही थी.
इस पूरे मामले में साढ़ थाना प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि, पुलिस को साल 2020 में बेहटा बुजुर्गों में कंकाल मिला था. डीएनए रिपोर्ट आने तक कंकाल को सुरक्षित रखने को कहा गया था. तब से पुलिस की ओर से इसकी सुरक्षा की जा रही थी. उन्होंने बताया कि, डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने उसे सुरक्षित रख लिया है और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर अब इस कंकाल को साढ़ थाना इलाके के रिंद नदी के किनारे सरकारी जगह पर विधि-विधान से दफन किया गया है.