जयपुर. मिलावट को लेकर प्रदेश में पिछले कुछ समय से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन काफी खतरनाक हो सकता है. चिकित्सकों का कहना है कि मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण लगातार लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और अस्पतालों में ऐसे मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिनको लीवर और पेट संबंधित बीमारियों ने जकड़ रखा है.
गेस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉक्टर आकाश माथुर का कहना है कि हमारे पास पेट और लीवर सम्बंधित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसका प्रमुख कारण है मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन, इन पदार्थों के सेवन से मरीज में उल्टी दस्त, एलर्जिक रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है. कई बार मरीज का ऑर्गन डैमेज भी हो सकता है. इसके अलावा कई बार मरीज कैंसर की गिरफ्त में भी आ जाता है.
तेल का एक से अधिक बार उपयोग खतरनाक: डॉक्टर माथुर का कहना है कि मिलावट के साथ-साथ खाने का तेल भी मानव शरीर के लिए काफी खतरनाक होता है. आमतौर पर कई रेस्टोरेंट पर एक ही तेल से कई बार खाद्य पदार्थों को तला जाता है और जिससे ट्रांसफैट और फ्री रेडीकल्स की संख्या बढ़ जाती जिससे अपच, एसिडिटी, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी बीमारियां लोगों को जकड़ लेती हैं. ऐसे में मिलावटी खाद्य पदार्थों पर लगाम लगाना काफी जरुरी है. इसके साथ ही लोगों को भी मिलावट के प्रति सावधान रहना चाहिए.
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12 हजार किलो से अधिक मसाले सीज: बीते दिनों पेस्टीसाइड तथा इंसेक्टीसाइड की मानक से अधिक मात्रा होने से अनसेफ पाए गए मसालों के बाद पूरे राजस्थान में मसालों को लेकर विशेष अभियान चलाया गया है. प्रदेश में मसाले के 71 इंफोर्समेंट सैंपल लिए गए और लगभग 12061 किलो मसाले मिलावट का संदेह होने पर सीज किए गए. इस दौरान एमडीएच, शीबा ताजा, एवरेस्ट, हमदर्द, श्याम धनी, रामदेव व अन्य ब्राण्ड के पावभाजी मसाला, सांभर मसाला, गरम मसाला, चाट मसाला, सब्जी मसाला, रायता मसाला, चना मसाला आदि के सैंपल लिए गए एवं सीज करने की कार्रवाई की गई.