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चमोली जिले में एसटीपी से जोड़े गए 28 गंदे नाले, नदियां हो रही थी 'मैली', अब हो रहा ये काम - चमोली में एसटीपी

District Ganga Conservation Committee Meeting in Chamoli चमोली जिले में 28 गंदे नाले सीधे नदी में जा रहे थे. जिन्हें एसटीपी से जोड़ दिया गया है. इसके अलावा पीपलकोटी, थराली और गौचर में एसटीपी निर्माण के लिए नमामि गंगे की ओर से आगणन तैयार कर लिया गया है. यह जानकारी जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक में दी गई है.

District Ganga Conservation Committee Meeting
जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 29, 2024, 10:47 PM IST

गैरसैंण: चमोली में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई. जिसमें गंगा नदी की सभी प्रमुख सहायक नदियों के पुनरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की समीक्षा की गई. एडीएम अभिषेक त्रिपाठी ने नमामि गंगे के तहत निर्मित एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण कर जल संस्थान को हैंडओवर की कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही औद्योगिक संस्थान कालेश्वर और जिले में संचालित प्राइवेट एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट भी अगली समीक्षा बैठक में पेश करने को कहा.

अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय से जुड़े होटल, जिसमें 20 से ज्यादा कक्ष हैं, उनमें एसटीपी प्लांट लगाने और एसटीपी से संयोजन करने के लिए नोटिस देने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले संचालित सभी एसटीपी का नियमित रूप से तकनीकी निरीक्षण करने को भी कहा. एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे कीचड़ (स्लज) का इस्तेमाल खाद बनाने में करने और एनजीओ या किसी संस्था के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और सोर्स सेग्रीगेशन पर विशेष फोकस कर नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करने को कहा गया है.

Additional District Magistrate Abhishek Tripathi
जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक

वहीं, सदस्य सचिव और प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में स्वीकृत 16 एसटीपी का काम पूरा हो चुका है. जिसमें 28 नालों को जोड़ा गया है. इसमें बदरीनाथ में 6, जोशीमठ में 5, गोपेश्वर में 7, नंदप्रयाग में 3 और कर्णप्रयाग में 7 गंदे नाले एसटीपी से जोड़े गए हैं. पीपलकोटी, थराली और गौचर के लिए एसटीपी निर्माण के लिए नमामि गंगे की ओर से आगणन तैयार किया जा रहा है.

वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि पेयजल निगम की ओर से 12 एसटीपी जल संस्थान को हस्तगत कर दी गई है. नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, नालियों की नियमित सफाई और कूड़े से खाद बनाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा औद्योगिक संस्थान कालेश्वर में उद्योग इकाइयों को एसटीपी प्लांट से जोड़ दिया गया है.

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गैरसैंण: चमोली में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई. जिसमें गंगा नदी की सभी प्रमुख सहायक नदियों के पुनरुद्धार, संरक्षण, मरम्मत और पुनर्वास के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की समीक्षा की गई. एडीएम अभिषेक त्रिपाठी ने नमामि गंगे के तहत निर्मित एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण कर जल संस्थान को हैंडओवर की कार्रवाई करने के निर्देश दिए. साथ ही औद्योगिक संस्थान कालेश्वर और जिले में संचालित प्राइवेट एसटीपी का संयुक्त निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट भी अगली समीक्षा बैठक में पेश करने को कहा.

अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय से जुड़े होटल, जिसमें 20 से ज्यादा कक्ष हैं, उनमें एसटीपी प्लांट लगाने और एसटीपी से संयोजन करने के लिए नोटिस देने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले संचालित सभी एसटीपी का नियमित रूप से तकनीकी निरीक्षण करने को भी कहा. एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट के बाद बचे कीचड़ (स्लज) का इस्तेमाल खाद बनाने में करने और एनजीओ या किसी संस्था के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और सोर्स सेग्रीगेशन पर विशेष फोकस कर नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करने को कहा गया है.

Additional District Magistrate Abhishek Tripathi
जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक

वहीं, सदस्य सचिव और प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिले में स्वीकृत 16 एसटीपी का काम पूरा हो चुका है. जिसमें 28 नालों को जोड़ा गया है. इसमें बदरीनाथ में 6, जोशीमठ में 5, गोपेश्वर में 7, नंदप्रयाग में 3 और कर्णप्रयाग में 7 गंदे नाले एसटीपी से जोड़े गए हैं. पीपलकोटी, थराली और गौचर के लिए एसटीपी निर्माण के लिए नमामि गंगे की ओर से आगणन तैयार किया जा रहा है.

वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि पेयजल निगम की ओर से 12 एसटीपी जल संस्थान को हस्तगत कर दी गई है. नगर निकायों में सोर्स सेग्रीगेशन, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, नालियों की नियमित सफाई और कूड़े से खाद बनाने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा औद्योगिक संस्थान कालेश्वर में उद्योग इकाइयों को एसटीपी प्लांट से जोड़ दिया गया है.

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