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पाकुड़ में आदिवासी एकता मंच का प्रदर्शन, आरएसएस पर लगाया धर्म के नाम पर लड़ाने का आरोप

Adivasi Ekta Manch demonstration in Pakur. पाकुड़ में आदिवासी एकता मंच ने आरएसएस के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारे लगाये. इस दौरान मंच के नेताओं ने कई मांगें भी कीं.

Adivasi Ekta Manch demonstration
Adivasi Ekta Manch demonstration
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 11, 2024, 10:37 AM IST

आदिवासी एकता मंच का प्रदर्शन

पाकुड़: आदिवासी एकता मंच के बैनर तले आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोगों ने पाकुड़ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शन कर रहे लोग आदिवासी समाज को धर्म के नाम पर लड़ाना बंद करो, ईवीएम की जगह वॉलेट पेपर से वोटिंग कराओ, पी पेसा एक्ट लागू करो, जल, जंगल और जमीन को बचाना है, लैंड बैंक को तत्काल रद्द करो. आरक्षण के नाम पर आदिवासी समाज को गुमराह करना बंद करो, निजीकरण बंद करो आदि नारे लगा रहे थे.

'संविधान खत्म करने का किया जा रहा प्रयास'

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बाजार समिति परिसर से प्रदर्शन निकाला और अंबेडकर चौक होते हुए सभा स्थल पर पहुंचे. यहां आदिवासी एकता मंच के सदस्यों ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया. आदिवासी एकता मंच की केंद्रीय समिति के संयोजक डॉ. सुशील मरांडी ने कहा कि पूरे भारत में ऐसा माहौल बन गया है, जिसमें विभिन्न समुदाय के लोगों के बीच आपसी भाईचारा खत्म हो रहा है. संविधान को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज के प्रदर्शन ने यह संदेश देने का काम किया है कि 2024 के चुनाव में कॉरपोरेट घराने की सरकार को उखाड़ फेंकना है.

'आदिवासियों को लड़ाने की कोशिश कर रहा संघ'

आदिवासी एकता मंच के जिला अध्यक्ष रास्का हेम्ब्रम ने कहा कि संघ परिवार के लोग आदिवासियों को धर्म के नाम पर लड़ाने का काम कर रहे हैं. हम महारैली के माध्यम से यह संदेश देने का काम कर रहे हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. हम सभी एक हैं. बैठक को पूर्व विधायक थॉमस सोरेन, मार्क बास्की, निर्मल मुर्मू, बाबूधन मरांडी, सेवन टुडू, जंतू सोरेन ने भी संबोधित किया.

यह भी पढ़ें: गुमला में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन, जनजातीय समुदाय के लोगों को अपने अधिकारों के प्रति किया गया जागरूक

यह भी पढ़ें: डीलिस्टिंग के समर्थन में उतरा आदिवासी समाज का एक धड़ा, विधानसभा में बिल पास करने की मांग

यह भी पढ़ें: आरएसएस के 1994 में तैयार एजेंडे पर काम कर रही मोदी सरकार, आदिवासियत खत्म कर हिन्दू राष्ट्र बनाने की हो रही साजिश: गीताश्री उरांव

आदिवासी एकता मंच का प्रदर्शन

पाकुड़: आदिवासी एकता मंच के बैनर तले आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोगों ने पाकुड़ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई. प्रदर्शन कर रहे लोग आदिवासी समाज को धर्म के नाम पर लड़ाना बंद करो, ईवीएम की जगह वॉलेट पेपर से वोटिंग कराओ, पी पेसा एक्ट लागू करो, जल, जंगल और जमीन को बचाना है, लैंड बैंक को तत्काल रद्द करो. आरक्षण के नाम पर आदिवासी समाज को गुमराह करना बंद करो, निजीकरण बंद करो आदि नारे लगा रहे थे.

'संविधान खत्म करने का किया जा रहा प्रयास'

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बाजार समिति परिसर से प्रदर्शन निकाला और अंबेडकर चौक होते हुए सभा स्थल पर पहुंचे. यहां आदिवासी एकता मंच के सदस्यों ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया. आदिवासी एकता मंच की केंद्रीय समिति के संयोजक डॉ. सुशील मरांडी ने कहा कि पूरे भारत में ऐसा माहौल बन गया है, जिसमें विभिन्न समुदाय के लोगों के बीच आपसी भाईचारा खत्म हो रहा है. संविधान को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज के प्रदर्शन ने यह संदेश देने का काम किया है कि 2024 के चुनाव में कॉरपोरेट घराने की सरकार को उखाड़ फेंकना है.

'आदिवासियों को लड़ाने की कोशिश कर रहा संघ'

आदिवासी एकता मंच के जिला अध्यक्ष रास्का हेम्ब्रम ने कहा कि संघ परिवार के लोग आदिवासियों को धर्म के नाम पर लड़ाने का काम कर रहे हैं. हम महारैली के माध्यम से यह संदेश देने का काम कर रहे हैं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. हम सभी एक हैं. बैठक को पूर्व विधायक थॉमस सोरेन, मार्क बास्की, निर्मल मुर्मू, बाबूधन मरांडी, सेवन टुडू, जंतू सोरेन ने भी संबोधित किया.

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