जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-6 महानगर द्वितीय ने जमीनी विवाद के कारण हुई रंजिश के चलते रिश्तेदार की हत्या करने वाले बुजुर्ग अभियुक्त सगीर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने 72 वर्षीय इस अभियुक्त पर 20,500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने सजा की अवधि को तय करते हुए कहा कि यह सही है कि अभियुक्त 72 साल की उम्र का है, लेकिन उसका अपराध समाज को आतंकित करने वाला है. ऐसे में उसे आजीवन कारावास देना उचित है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर मृतक के बेटे आमिर ने 11 जनवरी, 2022 को भट्टा बस्ती थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसके पिता अयूब का हमारे रिश्ते में दादा लगने वाले अभियुक्त सगीर के साथ गांव की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. जिसके चलते सगीर उसके पिता के साथ रंजिश रखता था. बीती रात अभियुक्त उसके पिता की तलाश करता हुआ उनके घर आया था. रात को अभियुक्त खाना खाकर उसके पिता के साथ सो गया.
वहीं, देर रात अभियुक्त ने चाकू से ताबड़तोड़ वार कर उसके पिता को गंभीर रूप से घायल कर दिया. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को हत्या के प्रयास के अपराध में गिरफ्तार किया. वहीं, बाद में इलाज के दौरान अयूब की मौत होने पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 जोड़ते हुए अभियुक्त के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया. अभियुक्त की ओर से अपने बचाव में कहा गया कि वह घटना के समय अपने मकान के नीचे बैठा था. इस दौरान शोर शराबा होने पर कई लोग आए और मुझे आकर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. हत्या में उसकी कोई भूमिका नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.