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तदर्थ शिक्षकों ने सेवा बहाली के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय घेरा, जय श्री राम और योगी-मोदी जिंदाबाद के लगाए नारे

राजधानी लखनऊ में गुरुवार को तदर्थ शिक्षकों ने अपनी सेवा संबंधी मांगों (Ad hoc teachers) को लेकर राजधानी लखनऊ में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने विधानसभा होते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के कैंप कार्यालय का घेराव किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 8:37 PM IST

तदर्थ शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय कार्यालय का किया घेराव

लखनऊ : बोर्ड परीक्षा के पहले दिन तदर्थ शिक्षकों ने परीक्षा की प्रक्रिया से बाहर किए जाने और अपनी सेवा संबंधी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. सेवा बहाली के लिए तदर्थ शिक्षकों ने संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह की अगुवाई में गुरुवार को विधानसभा होते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के कैंप कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव को ज्ञापन भी सौंपा.

नौकरी बहाली के लिए अयोध्या में राम दरबार में दी अर्जी : संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार ने जब उनकी सेवा नियमावली को समाप्त कर दिया और उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो अभी कुछ दिन पहले सभी शिक्षकों ने प्रभु श्री रामलला के दरबार में सेवा बहाली के लिए अर्जी लगाई. उसी के क्रम में गुरुवार को तदर्थ शिक्षक शांतिपूर्वक जय श्री राम, योगी मोदी जिंदाबाद, जो राम को लाए हैं वह हमें बचाएंगे... नारा लगाते हुए शिक्षा निदेशालय पहुंचे. शिक्षा निदेशक डाॅ.महेंद्र देव को सेवा बहाली का ज्ञापन सौंपा. शिक्षा निदेशक ने आश्वासन दिया है कि आपकी बात को शासन तक अवश्य पंहुचाएंगे बाकी निर्णय लेना सरकार और शासन के हाथ में है.

शिक्षक भाजपा के साथ हैं और रहेंगे : संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह का कहना है कि सदन में मुख्यमंत्री ने हम सभी तदर्थ शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि अहित नहीं होगा. हम सभी तदर्थ शिक्षकों को पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी सेवाएं बहाल करेंगे. वहीं, रवीन्द्र सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में 80 में से 80 सीट जीत रही है. प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं और रहेंगे. रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई. मुख्यमंत्री ने हम लोगों को सदन में वचन दिया है कि एक भी तदर्थ शिक्षक बाहर नहीं जाएगा और हम सभी लोगों को पूरा भरोसा है कि वे अपना वचन निभाएंगे और हमारी सेवाएं और सम्मान हमें वापस मिलेगा.

यह भी पढ़ें : शिक्षक नेताओं ने सरकार पर लगाया अहंकारी होने का आरोप, कहा-दीपावली के दिन शिक्षकों के घरों में अंधेरा किया

यह भी पढ़ें : तदर्थ शिक्षकों को बीते कई माह से नहीं मिला वेतन, 12 दिनों से धरने पर बैठे गुरुजन

तदर्थ शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय कार्यालय का किया घेराव

लखनऊ : बोर्ड परीक्षा के पहले दिन तदर्थ शिक्षकों ने परीक्षा की प्रक्रिया से बाहर किए जाने और अपनी सेवा संबंधी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. सेवा बहाली के लिए तदर्थ शिक्षकों ने संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह की अगुवाई में गुरुवार को विधानसभा होते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के कैंप कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान शिक्षकों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव को ज्ञापन भी सौंपा.

नौकरी बहाली के लिए अयोध्या में राम दरबार में दी अर्जी : संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार ने जब उनकी सेवा नियमावली को समाप्त कर दिया और उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो अभी कुछ दिन पहले सभी शिक्षकों ने प्रभु श्री रामलला के दरबार में सेवा बहाली के लिए अर्जी लगाई. उसी के क्रम में गुरुवार को तदर्थ शिक्षक शांतिपूर्वक जय श्री राम, योगी मोदी जिंदाबाद, जो राम को लाए हैं वह हमें बचाएंगे... नारा लगाते हुए शिक्षा निदेशालय पहुंचे. शिक्षा निदेशक डाॅ.महेंद्र देव को सेवा बहाली का ज्ञापन सौंपा. शिक्षा निदेशक ने आश्वासन दिया है कि आपकी बात को शासन तक अवश्य पंहुचाएंगे बाकी निर्णय लेना सरकार और शासन के हाथ में है.

शिक्षक भाजपा के साथ हैं और रहेंगे : संघर्ष समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह का कहना है कि सदन में मुख्यमंत्री ने हम सभी तदर्थ शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि अहित नहीं होगा. हम सभी तदर्थ शिक्षकों को पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी सेवाएं बहाल करेंगे. वहीं, रवीन्द्र सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में 80 में से 80 सीट जीत रही है. प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षक भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं और रहेंगे. रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई. मुख्यमंत्री ने हम लोगों को सदन में वचन दिया है कि एक भी तदर्थ शिक्षक बाहर नहीं जाएगा और हम सभी लोगों को पूरा भरोसा है कि वे अपना वचन निभाएंगे और हमारी सेवाएं और सम्मान हमें वापस मिलेगा.

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