लखनऊ: राजधानी में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बहुत बेहतर होनी चाहिए. यहॉ ब्रेकडाउन नही होना चाहिए. अगर कहीं विद्युत व्यवधान आये भी तो उसे कम से कम समय में ठीक करें, आपूर्ति सामान्य रखें. इसके लिये पूरी सावधानी एवं सजगता बरते. हर अधिकारी और कर्मचारी अपने अपने क्षेत्रों में पेट्रोलिंग करें और अनरक्षण कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखे. यह निर्देश शनिवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने लेसा अन्तर्गत ट्रान्सगोमती की समीक्षा करते हुये दिए. कार्यों में लापरवाही बरतने वाले पांच अधिकारियों पर अध्यक्ष की तरफ से कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं. इनमें अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता शामिल हैं.
समीक्षा बैठक में मुख्य अभियन्ता गोमती नगर सहित दो अधीक्षण अभियन्ता और दो अधिशासी अभियन्ताओं पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए. अधिशाषी अभियन्ता विश्व विद्यालय और बख्शी का तालाब को प्रतिकूल प्रविष्टि, अधीक्षण अभियन्ता नवम गोमती नगर और जानकीपुरम के साथ ही मुख्य अभियन्ता गोमती नगर से स्पष्टीकरण के निर्देश दिये गये हैं. चेयरमैन ने निर्देशित किया कि प्रत्येक उपभोक्ता को सही रीडिंग का बिल समय से मिले. इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. उन्होंने विद्युत बिल वसूलने के लिए भी कड़े निर्देश दिए.
कहा कि बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए यह आवश्यक है कि जितने की बिजली दें उतना बिजली का बिल वसूलें. कहा कि बिजनेस प्लान के सभी कार्य निर्धारित समय में और मानक के अनुरूप हों. एमआरआई बिलिंग शत प्रतिशत लक्ष्य के अनुरूप हो. एक भी घर न छूटे. बख्शी का तालाब खण्ड में बिलिंग प्रतिशत कम होने से उन्होंने वहां के अधिशाषी अभियन्ता को प्रतिकूल प्रविष्टि और अधीक्षण अभियन्ता के विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए.
बिजनेस प्लान के कार्यो में शिथिलता के कारण विश्व विद्यालय खण्ड के अधिशाषी अभियन्ता के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिये. रहीम नगर और बख्शी का तालाब खण्ड में ज्यादा ब्रेकडाउन पर असन्तोष व्यक्त किया और आवश्यक कार्य कराने के निर्देश दिये जिससे विद्युत बाधित न हो.
परफॉर्मेंस की जांच कर रिटायरमेंट पर स्क्रीनिंग कमेटी लेगी फैसला
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन की तरफ से प्रदेश भर के अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को आदेश जारी किया गया है कि 30 सितंबर 2023 को 50 साल की आयु पूरी कर चुके समूह ग और समूह घ के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति किया जाए. इसके लिए स्क्रीनिंग समिति का गठन कर समूह ग और समूह घ के कर्मचारी की परफॉर्मेंस जांच कर फैसला लिया जाए. स्क्रीनिंग कमेटी ऐसे कर्मचारी का पूरा ब्यौरा चेक करेगी और उसके बाद फैसला लेकर उम्र पूरी होने से पहले ही रिटायर किया जाएगा.