जयपुर: प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस और परिवहन विभाग ने कवायद तेज कर दी है. इसी कड़ी में बुधवार को राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा पर दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई. उद्घाटन सत्र में एडीजी ट्रैफिक अनिल पालीवाल, परिवहन सचिव शुचि त्यागी, राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एस. सेंगाथिर, एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह, आईआरटीआई नई दिल्ली के प्रेसिडेंट रोहित बलूजा और आईआईटी मद्रास में प्रोफेसर वेंकटेश बालासुब्रहमण्यम भी मौजूद रहे. बता दें कि राजस्थान में हर साल सड़क हादसों में 10 हजार से ज्यादा लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं.
घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों का सम्मान : कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा को लेकर उल्लेखनीय योगदान देने वाले और हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाकर बचाने वाले पुलिसकर्मियों और लोगों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. प्रदेशभर से आए यातायात प्रभारी, परिवहन विभाग, नगर निगम, जयपुर विकास प्राधिकरण, सार्वजनिक निर्माण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विभाग के अधिकारियों को सड़क सुरक्षा के उपायों की जानकारी दी गई. विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी और स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी भी इस मौके पर मौजूद रहे.
जागरूकता के साथ सख्त पुलिसिंग जरूरी - पालीवाल : इस मौके पर एडीजी ट्रैफिक अनिल पालीवाल ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता के साथ सख्ती की जरूरत है. थाना पुलिस और वृत्ताधिकारी कानून की शक्तियों का प्रयोग करें तो सड़क पर अवरोधों को प्रभावी कार्रवाई कर हटाया जा सकता है. इसके लिए पुलिस महकमे को भी सख्ती से काम करने की जरूरत है.
सड़क पर पड़ा रहता है दुकानों का सामान : एडीजी अनिल पालीवाल ने कहा कि सुगम यातायात के लिए थाना पुलिस और वृत्ताधिकारी सख्त कार्रवाई कर सकती है. आज से 20-25 साल पहले कोई दुकानदार रोड बाधित करता था तो पुलिस कार्रवाई करती थी. आज सड़क पर ही सारा सामान पड़ा रहता है. कई बार सड़क पर ही मैन्युफैक्चरिंग का काम चलता रहता है. पहले ऐसे मामलों पर बहुत ज्यादा सख्ती होती थी. आज भी ऐसे मामलों में कार्रवाई होती है, लेकिन जितनी कार्रवाई होनी चाहिए उतनी नहीं होती है. स्थानीय निकाय और पुलिस मिलकर कार्रवाई कर सकती है.
वहीं, परिवहन सचिव शुचि त्यागी ने कहा कि परिवहन और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से सड़क सुरक्षा को लेकर काम करें. समन्वय से काम करने पर सफलता मिलेगी. एडीजी एटीएस वीके सिंह ने कहा कि हादसों और उनमें मौतों को लेकर सरकारों ने काम किया है. सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है. इसके लिए जागरूकता लाने की जरूरत है.
दुनियाभर में जितनी मौत, उसकी एक चौथाई भारत में : राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एस सेंगाथिर ने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा के तहत दुर्घटनाओं में कमी लाने, तकनीकी पहलुओं का उपयोग, यातायात व्यवस्था को सुगम व सुरक्षित बनाने पर मंथन किया जा रहा है. दुनियाभर में हादसों में जितनी मौत होती हैं. उसकी एक चौथाई भारत में होती है. यह आंकड़ा इस हकीकत से वाकिफ करवाता है कि यह कितना गंभीर मुद्दा है.