प्रयागराजः जनपद न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट रूम के अंदर महिला जज के सामने वादी की पिटाई करना अधिवक्ताओं को भारी पड़ गया.महिला जज की शिकायत के बाद न सिर्फ आरोपी 4 वकीलों को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन से सदस्यता समाप्त कर दी गयी बल्कि नामजद और अज्ञात वकीलों के खिलाफ संगीन धाराओं में केस भी दर्ज किया गया है. वहीं, कोर्ट रूम से लेकर महिला जज के चेम्बर तक के अंदर तक घुसकर वादियों की पिटाई किये जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नामजद दो वकीलों के पूरे यूपी के किसी भी कोर्ट में प्रैक्टिस करने पर भी पाबंदी लगा दी है. साथ ही साथ जनपद न्यायालय परिसर में उनके एंट्री पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है. साथ ही आरोपियों के खिलाफ पुलिस से सख्त कार्यवाई किये जाने और कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी रिपोर्ट भी मांगी है.
प्रयागराज के जनपद न्यायालय में सोमवार की शाम को जनपद न्यायालय में अधिवक्ता रणविजय सिंह और एक दंपत्ति से उनके साथियों ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट रूम में बैठी हुई महिला जज के सामने वादकारी दंपत्ति के साथ मारपीट करने और तोडोफड़ करने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की लिखित शिकायत जिला जज से लेकर हाईकोर्ट और पुलिस कमिश्नर तक से की है.महिला जज के सामने वकीलों द्वारा की गुंडई मारपीट की घटना दोबारा न हो उसके लिए हाईकोर्ट ने जनपद न्यायालय में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात करने का भी निर्देश दिया है.
शिकायत में वकीलों पर क्या क्या आरोप लगे हैं
सिविल जज द्वारा भेजे गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि सोमवार को उनकी अदालत में एक दीवानी के मामले की सुनवाई चल रही थी. उसी दौरान रणविजय सिंह, मोहम्मद आसिफ, महताब और आफताब समेत वकीलों की भीड़ उनके कोर्ट रूम में घुस आयी और रणविजय सिंह से जुड़े वाद की सुनवाई के दबाव बनाने लगे. यही नहीं रणविजय और उसके साथियों ने कोर्ट रूम में मौजूद अधिवक्ता रणविजय बनाम खुर्शीद अहमद केस की तरफ से आये वादी मोनिस परवेज अंसारी और उसकी पत्नी की पिटाई करने लगे. मारपीट से रोकने पर महिला जज के साथ भी अभद्रता की गयी.जब वो इस घटना से छुब्ध होकर अपनी चेम्बर में चली गयी उसके बाद भी उपद्रवी वकीलों ने पिटाई जारी रखी. इसी बीच वकीलों से पिट रही दंपत्ति अपनी जान बचाने के लिए महिला जज के चेंबर में घुसे तो जज के चेंबर में भी घुसकर वकीलों की भीड़ ने दंपत्ति को पीटा. महिला सिविल जज ने इस पूरी घटना को मुकदमे की सुनवाई के दौरान रिकॉर्ड किया है और कार्यवाई के लिए जिला जज को भेजा है. जहां से जिला जज ने इसका रेफरेंस हाई कोर्ट को कार्यवाई के लिए भेजा था.जिला जज को भेजे गए पत्र में महिला जज ने यह भी बताया है कि इस घटना के दौरान खुद को बचाने के लिए उन्हें अपने चेम्बर में जाना पड़ा और इस घटना से खुद की सुरक्षा को भी खतरा भी बताया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट घटना को लेकर हुआ सख्त
जनपद न्यायालय में कोर्ट रूम से लेकर महिला जज की चेंबर के अंदर तक घुस कर कि गई मारपीट की इस घटना को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है.इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस मो अज़हर हुसैन इदरीस की बेंच ने इस मामले में शामिल अधिवक्ता रणविजय सिंह और मोहम्मद आसिफ को पूरे उत्तर प्रदेश में वकालत की प्रैक्टिस करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही जनपद न्यायालय के परिसर में उनके प्रवेश करने पर भी हाई कोर्ट ने पाबंदी भी लगा दी है. साथ ही जनपद न्यायालय के सुरक्षा से जुड़ी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर से मांगी है साथ ही घटना में केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. वहीं, इस घटना के बाद जिला अधिवक्ता संघ की आपात बैठक हुई.जिसमें जनपद न्यायालय में कोर्ट रूम और जज के चेंबर में मारपीट करने वाले 4 वकीलों रणविजय सिंह, मो. आसिफ,महताब और आफताब की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा कर दी गयी है.