अजमेर. तीर्थ नगरी पुष्कर के पवित्र सरोवर के किनारे अतिक्रमण कर करोड़ों रुपए के निर्माण को पुष्कर प्रशासन और नगर पालिका ने ध्वस्त करवा दिया. भारतीय पुरातत्व विभाग की शिकायत पर यह बड़ी कार्रवाई पुष्कर में अतिक्रमण के खिलाफ की गई है. प्रशासन और नगर पालिका की कार्रवाई से पुष्कर में अवैध निर्माण करने वाले अतिक्रमियों में हड़कंप मचा हुआ है.
गुरुवार को पुष्कर में पुष्कर प्रशासन और नगर पालिका के संयुक्त तत्वाधान में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई. पुष्कर सरोवर के निकट जयपुर घाट के पास अवैध निर्माण करके बनाई जा रहे होटल को पुष्कर नगर पालिका की जेसीबी ने ध्वस्त कर दिया. कार्रवाई के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. अतिक्रमण की कार्रवाई के दौरान अतिक्रमियों की ओर से मामूली विरोध भी जताया गया, लेकिन अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के बाद ही जेसीबी को रोका गया. बता दें कि पुष्कर सरोवर के चारों ओर व्यावसायिक दृष्टि से अवैध निर्माण किए गए हैं. इन अवैध निर्माण की वजह से पुष्कर सरोवर की सुंदरता और धार्मिक साख धूमिल हो रही है.
अन्य अवैध निर्माण भी किए जाएंगे चिन्हित: पुष्कर उपखंड अधिकारी नितिन पोद्दार ने बताया कि पुष्कर के जयपुर घाट के पास अवैध होटल निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. अतिक्रमियों ने निर्माण की स्वीकृति नहीं ली. जिस जगह पर अभी निर्माण किया जा रहा था, वह भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से निर्माण के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है. नोटिस देने के बाद भी उन्होंने अपना अतिक्रमण नहीं हटाया. पोद्दार ने कहा कि ऐसे अन्य अतिक्रमण को भी चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरोवर के किनारे के क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करके अतिक्रमी सरोवर की सुंदरता को भी बट्टा लगा रहे हैं.
अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं: पुष्कर नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीणा ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से पुष्कर नगर पालिका को शिकायत मिली थी कि पुष्कर सरोवर के निकट बादशाह महल के समीप अवैध निर्माण किया जा रहा है. मामले की जांच करवाई गई तो मौके पर चार अवैध निर्माण मिले. इनमें से किसी के पास निर्माण की स्वीकृति नहीं थी.
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मीणा ने बताया कि अतिकर्मियों को पूर्व में नगर पालिका अधिनियम की धारा 194 के तहत नोटिस दिए गए थे. नोटिस का जवाब देने के लिए भी अतिकर्मियों को पर्याप्त समय दिया गया था. उन्होंने बताया कि भूमि कन्वर्टेड नहीं थी. लिहाजा अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि नगर पालिका के संज्ञान में मामला आते ही अतिक्रमियों को नोटिस दे दिए गए थे. अतिक्रमियों से तीन बार नोटिस देकर जवाब मांगा गया था.