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'ये कैसी शीतलहर है जो स्कूलों में पड़ती है कोचिंग में नहीं', सभी DM को लेटर जारी कर केके पाठक ने पूछा सवाल

बिहार शिक्षा विभाग में लौटते ही केके पाठक एक्शन में दिखने लगे हैं. ठंड को देखते हुए धारा 144 का प्रयोग कर विद्यालय बंद करने का निर्देश देने वाले प्रमंडलीय आयुक्तों से केके पाठक ने सख्त लहजे में पूछा है कि 'यह कैसी शीतलहर जो विद्यालयों में पड़ती है कोचिंग में नहीं'. पढ़ें पूरी खबर

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 20, 2024, 3:45 PM IST

Updated : Jan 20, 2024, 5:54 PM IST

पटना : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विभाग में लौटते ही एक्शन में आ गए हैं. इस बार उनके टारगेट में तमाम प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम हैं, जिन्होंने ठंड के मौसम को देखते हुए धारा 144 का प्रयोग कर अपने जिले में विद्यालयों को बंद कराया है.

एक्शन में केके पाठक : केके पाठक ने ऐसे डीएम से सख्त लहजे में पूछा है कि ''यह कैसी शीतलहर है जो कक्षा आठ तक के ही बच्चों पर विद्यालय में पड़ती है. उन्होंने सभी जिला को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले दिनों सर्दी/शीतलहर के चलते विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए. इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं.''

छुट्टी के लिए धारा 144 पर लाल-पीले हुए केके पाठक : केके पाठक ने पत्र में कहा है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बन्द किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है, क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा-144 सीआरपीसी को आह्वान करते हैं. इस स्थिति में हमें यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक समीक्षा/जांच पर खरा उतरे. यह भी उल्लेखनीय है कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए.

''जिला दण्डाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बन्द किया गया है. किन्तु अन्य संस्थानों / मामलों का जिक्र नहीं किया गया है- उदाहरणार्थ, जिले के कोचिंग संस्थाओं / सिनेमा हॉल/मॉल/दुकानें / व्यावसायिक संस्थानों इत्यादि की गतिविधियों अथवा समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है.''- केके पाठक का विभागीय लेटर

सभी डीएम को लिखा लेटर : केके पाठक ने कहा है कि ऐसी स्थिति में संबंधित जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी / शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है. उल्लेखनीय है कि इन कोचिंग संस्थाओं में हमारे ही विद्यालयों के बच्चे कक्षा-4 से लेकर कक्षा-12 तक के पढ़ने जाते हैं. अतः जिला प्रशासन को सुझाव दिया जाए कि जब वे सर्दी/शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते है. तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान में रखा जाए.

'बात बात पर न बंद हो स्कूल' : केके पाठक ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त से कहा है कि उपरोक्त के आलोक में अनुरोध है कि पिछले दिनों आपके क्षेत्रान्तर्गत इस प्रकार का आदेश जहां भी निकला है, उसे वापस लिया जाए. जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, इस विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5PM तय कर रखी है. इस समयावधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए. बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगनी चाहिए.

नालंदा डीएम ने फिर बढ़ाई स्कूलों की छुट्टी : हालांकि केके पाठक के आदेश के बावजूद नालंदा डीएम ने ठंड के कारण विद्यालय बंद रखने के निर्देश को 23 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है. उन्होंने कक्षा आठवीं तक के विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों को ही बंद किया है कोचिंग संस्थानों को नहीं.

ये भी पढ़ें:

क्या नाराज होकर KK Pathak ने ACS पद छोड़ा? जानें इनसाइड स्टोरी

पटना : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विभाग में लौटते ही एक्शन में आ गए हैं. इस बार उनके टारगेट में तमाम प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम हैं, जिन्होंने ठंड के मौसम को देखते हुए धारा 144 का प्रयोग कर अपने जिले में विद्यालयों को बंद कराया है.

एक्शन में केके पाठक : केके पाठक ने ऐसे डीएम से सख्त लहजे में पूछा है कि ''यह कैसी शीतलहर है जो कक्षा आठ तक के ही बच्चों पर विद्यालय में पड़ती है. उन्होंने सभी जिला को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले दिनों सर्दी/शीतलहर के चलते विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए. इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं.''

छुट्टी के लिए धारा 144 पर लाल-पीले हुए केके पाठक : केके पाठक ने पत्र में कहा है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बन्द किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है, क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा-144 सीआरपीसी को आह्वान करते हैं. इस स्थिति में हमें यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक समीक्षा/जांच पर खरा उतरे. यह भी उल्लेखनीय है कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए.

''जिला दण्डाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बन्द किया गया है. किन्तु अन्य संस्थानों / मामलों का जिक्र नहीं किया गया है- उदाहरणार्थ, जिले के कोचिंग संस्थाओं / सिनेमा हॉल/मॉल/दुकानें / व्यावसायिक संस्थानों इत्यादि की गतिविधियों अथवा समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है.''- केके पाठक का विभागीय लेटर

सभी डीएम को लिखा लेटर : केके पाठक ने कहा है कि ऐसी स्थिति में संबंधित जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी / शीतलहर है, जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है. उल्लेखनीय है कि इन कोचिंग संस्थाओं में हमारे ही विद्यालयों के बच्चे कक्षा-4 से लेकर कक्षा-12 तक के पढ़ने जाते हैं. अतः जिला प्रशासन को सुझाव दिया जाए कि जब वे सर्दी/शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते है. तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान में रखा जाए.

'बात बात पर न बंद हो स्कूल' : केके पाठक ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त से कहा है कि उपरोक्त के आलोक में अनुरोध है कि पिछले दिनों आपके क्षेत्रान्तर्गत इस प्रकार का आदेश जहां भी निकला है, उसे वापस लिया जाए. जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, इस विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5PM तय कर रखी है. इस समयावधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए. बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगनी चाहिए.

नालंदा डीएम ने फिर बढ़ाई स्कूलों की छुट्टी : हालांकि केके पाठक के आदेश के बावजूद नालंदा डीएम ने ठंड के कारण विद्यालय बंद रखने के निर्देश को 23 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया है. उन्होंने कक्षा आठवीं तक के विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों को ही बंद किया है कोचिंग संस्थानों को नहीं.

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Last Updated : Jan 20, 2024, 5:54 PM IST
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