रायपुर: कस्टम मिलिंग में हुए कथित घोटाले के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय ने मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को 30 अप्रैल को रायपुर से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पूर्व एमडी को पेश किया गया. 4 मई तक ईडी की रिमांड खत्म होने के बाद शनिवार को फिर से कोर्ट में मनोज सोनी को पेश किया गया. कोर्ट ने मनोज सोनी को 7 दिनों की ईडी की रिमांड पर सौपा है. प्रवर्तन निदेशालय ने 14 दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद 5 दिनों की डिमांड मंजूर की. कोर्ट के फैसले के बाद फिर से मनोज सोनी 7 दिनों की ईडी की रिमांड पर रहेंगे.
पर्व एमडी मनोज सोनी को 7 दिन की ईडी की रिमांड पर भेजा गया: मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी पहले ईओडब्ल्यू के दफ्तर गए थे. उसके बाद ईडी के अधिकारी हिरासत में लेकर कोर्ट पहुंचे. ईडी के मुताबिक राज्य में 140 करोड़ की अवैध वसूली की गई है. जिसमें अफसर से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल रहे हैं. ईडी के मुताबिक कस्टम मिलिंग के इस घोटाले में मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल लगभग दो सालों से चल रहा था. टीम में मार्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एशोसिएशन की पदाधिकारी भी शामिल थे. कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को नान में कन्वर्ट करने का पैसा लिया जाता था.
क्या है आरोप: प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच में यह पाया कि ''तत्कालीन जिला मार्केटिंग अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया. कहा गया था कि उन्ही राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाएगा. जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है. इस तरह की जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए प्राप्त होती थी. रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को देते थे, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी''.