अजमेर : वरिष्ठ हिंदी व्याख्याता प्रतियोगी परीक्षा 2022 में अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलवाने वाले आरोपी अभ्यर्थी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं, गिरफ्तारी के बाद शनिवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ने डमी अभ्यर्थी से परीक्षा दिलवाने की एवज में उसे 5 लाख रुपए दिए थे. आरोपी ने प्रवेश पत्र में अपने फोटो की जगह डमी अभ्यर्थी का फोटो लगाकर उससे परीक्षा दिलवाई थी. हालांकि, बाद में आयोग में दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ. इधर, आयोग की शिकायत पर पुलिस ने डमी कैंडिडेट को गिरफ्तार कर लिया था.
एएसआई प्रभु लाल ने बताया कि असल और डमी अभ्यर्थी दोनों ही सांचौर जिले के निवासी हैं. दोनों आरोपियों के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज है. उन्होंने बताया कि 10 जनवरी, 2024 को सिविल लाइन थाने में आयोग के सहायक सचिव सायर माल कुमार ने नामजद शिकायत दी थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि साल 2022 में हिंदी व्याख्याता परीक्षा हुई थी. उस परीक्षा में सांचौर निवासी अभ्यर्थी ओमप्रकाश खिलेरी की जगह उसने भैराराम बिश्नोई को पैसे देकर परीक्षा में बैठाया था.
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आरोपी ओमप्रकाश खेलेरी ने भैराराम बिश्नोई को परीक्षा में बैठने से पहले अपने प्रवेश पत्र पर लगी खुद की फोटो की जगह उसकी तस्वीर चस्पा कर दी थी. इस फर्जीवाड़ा के आधार पर डमी अभ्यर्थी भैराराम ने परीक्षा दी. उसके बाद आयोग की ओर से दस्तावेज सत्यापन के दौरान ओमप्रकाश खिलेरी और भैराराम बिश्नोई की चालबाजी पकड़ी गई. मामले की जांच अभय कमांड केंद्र में एएसपी संजय शर्मा ने की.
लालच में टॉपर बना डमी अभ्यार्थी : आरोपी ने पूछताछ में बताया कि ने उसने कई बार परीक्षा दी थी, लेकिन वो हर बार विफल हो जा रहा था. लिहाजा उसने भैराराम बिश्नोई से संपर्क किया. आरोपी ने भैराराम बिश्नोई को 5 लाख रुपए भी दिए थे. परीक्षा से पहले एक लाख और परीक्षा देने के बाद शेष रुपए दिए थे. पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि डमी अभ्यर्थी भैराराम हिंदी व्याख्याता भर्ती परीक्षा पूर्व में पास कर चुका था और वो टॉपर था.