कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने कार्रवाई करते हुए एमबीएस अस्पताल के नर्सिंगकर्मी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी नर्सिंगकर्मी संवेदक के बिलों का भुगतान करवाने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था. एसीबी ने उसे आज 10 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. मौके पर पुलिस ने आरोपी नर्सिंगकर्मी मंजूर अली से रिश्वत की रकम बरामद कर ली. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि कपूर ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने उन्हें शिकायत दी थी कि उनका एमबीएस अस्पताल में उपकरणों की मरम्मत, रिपेयरिंग व मशीनरी पार्ट्स सप्लाई की थी. यह कार्य वर्कशॉप के जरिए चलता है. उनके कई बिल इस मामले में बकाया चल रहे थे. जिनका भुगतान करवाने की एवज में वर्कशॉप के इंचार्ज के रूप में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर मंजूर अली पैसे की डिमांड कर रहे हैं. इस मामले में शिकायत मिलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने 29 जनवरी को सत्यापन करवाया. जिसमें कल 15 हजार की डिमांड मंसूर अली ने की थी.
सत्यापन के दौरान 5000 रुपए ले भी लिए थे. इसके बाद मंगलवार को ट्रैप कार्रवाई के दौरान मंजूर अली ने परिवादी से 10 हजार रुपए ले लिए. परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने एमबीएस अस्पताल परिसर में ही नर्सिंग अधीक्षक कक्ष पर दबिश दे दी. वहां से आरोपी मंजूर अली को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से रिश्वत की रकम भी बरामद की गई. एसीबी के डीआईजी कल्याणमल मीणा का कहना है कि आरोपी के विज्ञान नगर स्थित निवास पर भी दो इंस्पेक्टर को भेजकर घर की तलाशी शुरू की गई. इसके अलावा मंजूर अली के पास मिली सभी पत्रावली जब्त कर ली गई है. जिसे स्पष्ट हो जाएगा कि कितने रुपए के बिलों की एवज में वह रिश्वत मांग रहा था.
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तीन कार्मिकों के लिए मांगी थी रिश्वत: एडिशनल एसपी स्वर्णकार का कहना है कि मंजूर अली ने सत्यापन के दौरान बताया था कि यह रिश्वत की राशि में बाबू और एक अकाउंट कार्मिक का भी हिस्सा है. ऐसे में जब्त की गई पत्रावलियों के अनुसार इन दोनों कार्मिकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. यह बाबू भी लेखा विभाग में ही कार्यरत है.