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निलंबित आईपीएस मनीष के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पेश, अब चलेगी ट्रायल

presents prosecution sanction एसीबी ने दलालों के जरिए वसूली करने से जुड़े मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति कोर्ट में पेश की है.

presents prosecution sanction,  ACB court suspended IPS Manish
निलंबित आईपीएस मनीष के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पेश.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 1, 2024, 10:02 PM IST

जयपुर. हाईवे निर्माण कंपनी से दलालों के जरिए वसूली करने से जुडे़ मामले में दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के खिलाफ एसीबी ने एसीबी कोर्ट में केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से पेश अभियोजन स्वीकृति पेश की. इसके साथ ही एसीबी ने नांगल राजावतान थाने के पूर्व थानाधिकारी कृष्ण कुमार मीणा और सिपाही सुमेर सिंह को लेकर क्लोजर रिपोर्ट दी है.

अभियोजन स्वीकृति मिलने पर अब मनीष अग्रवाल के खिलाफ ट्रायल चलेगी. मामले में राज्य सरकार की ओर से 2 नवंबर, 2022 को ही अभियोजन की मंजूरी मिल गई थी, जबकि केन्द्र के गृह मंत्रालय की ओर से गत 19 जनवरी को अभियोजन स्वीकृति दी गई थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार मनीष अग्रवाल ने दौसा एसपी रहने के दौरान दिल्ली-बडोदरा एक्सप्रेस वे का निर्माण करने वाली कंपनी से दलाल नीरज मीणा के जरिए रिश्वत राशि वसूली थी.

पढ़ेंः रिश्वत लेने वाला सहानुभूति का हकदार नहीं हो सकता : राजस्थान हाईकोर्ट

एसीबी ने मनीष अग्रवाल को 2 फरवरी, 2021 को गिरफ्तार किया था. अभियोजन पक्ष का कहना है कि दलालों के जरिए मासिक बंधी लेने के साथ-साथ काम सुचारू चलाने और प्रति डंपर चार हजार रुपए लेने का भी मनीष पर आरोप है. इसके बाद राज्य सरकार ने मनीष अग्रवाल को निलंबित कर दिया था. अब एसीबी ने एसीबी कोर्ट में अभियोजन स्वीकृति पेश की है.

जयपुर. हाईवे निर्माण कंपनी से दलालों के जरिए वसूली करने से जुडे़ मामले में दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के खिलाफ एसीबी ने एसीबी कोर्ट में केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से पेश अभियोजन स्वीकृति पेश की. इसके साथ ही एसीबी ने नांगल राजावतान थाने के पूर्व थानाधिकारी कृष्ण कुमार मीणा और सिपाही सुमेर सिंह को लेकर क्लोजर रिपोर्ट दी है.

अभियोजन स्वीकृति मिलने पर अब मनीष अग्रवाल के खिलाफ ट्रायल चलेगी. मामले में राज्य सरकार की ओर से 2 नवंबर, 2022 को ही अभियोजन की मंजूरी मिल गई थी, जबकि केन्द्र के गृह मंत्रालय की ओर से गत 19 जनवरी को अभियोजन स्वीकृति दी गई थी. अभियोजन पक्ष के अनुसार मनीष अग्रवाल ने दौसा एसपी रहने के दौरान दिल्ली-बडोदरा एक्सप्रेस वे का निर्माण करने वाली कंपनी से दलाल नीरज मीणा के जरिए रिश्वत राशि वसूली थी.

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एसीबी ने मनीष अग्रवाल को 2 फरवरी, 2021 को गिरफ्तार किया था. अभियोजन पक्ष का कहना है कि दलालों के जरिए मासिक बंधी लेने के साथ-साथ काम सुचारू चलाने और प्रति डंपर चार हजार रुपए लेने का भी मनीष पर आरोप है. इसके बाद राज्य सरकार ने मनीष अग्रवाल को निलंबित कर दिया था. अब एसीबी ने एसीबी कोर्ट में अभियोजन स्वीकृति पेश की है.

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