जयपुर. शहर की हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर व उनके पति सुशील गुर्जर सहित अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुडे़ मामले में एसीबी ने अदालती आदेश की पालना में मंगलवार को हाईकोर्ट में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की है. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुधांशु सिंह की आपराधिक याचिका पर दिए.
एसीबी की रिपोर्ट में अदालत को बताया गया कि उन्होंने प्रारंभिक जांच में हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर व उनके पति सहित अन्य के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मान लिया है. वहीं, मेयर मुनेश के खिलाफ अभियोजन मंजूरी की फाइल प्रमुख यूडीएच सचिव के पास भेज रखी है, लेकिन वहां से अभी तक अभियोजन की मंजूरी नहीं मिली है. इस संबंध में आगामी दिनों में मीटिंग भी होने वाली है. याचिका में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि रिश्वत मामले में एसीबी ने मेयर के पति व मेयर सहित अन्य के खिलाफ जांच पूरी कर दोषी माना है.
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एसीबी ने मुनेश के खिलाफ अभियोजन मंजूरी की फाइल राज्य सरकार के पास भेज रखी है, लेकिन राज्य सरकार के पास अभियोजन की यह फाइल पेंडिंग चल रही है. राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह अभियोजन मंजूरी से जुडे़ मामले को जल्द निस्तारित करे, ताकि एसीबी अपना अंतिम नतीजा संबंधित कोर्ट में पेश कर सके. दरअसल, हेरिटेज मेयर के पति सुशील गुर्जर की ओर से नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में एसीबी की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने मुनेश को निलंबित कर दिया था. इस निलंबन आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था. वहीं, बाद में राज्य सरकार ने जांच के बाद मुनेश गुर्जर को 22 सितंबर के आदेश से दुबारा निलंबिन कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने दिसंबर 2023 के आदेश से मुनेश का निलंबन रद्द कर दिया था.