राजसमंद. जिले के देलवाड़ा तहसील कार्यालय में नामांतरण खोलने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पटवारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. एसीबी ने रिश्वत की राशि भी बरामद कर ली. साथ ही पीड़ित की फाइल को जब्त कर लिया है. वहीं, अब एसीबी जांच की जा रही है कि आखिर पटवारी ने यह रिश्वत राशि खुद के लिए ली थी या अन्य कोई अधिकारी भी इसमें शामिल है. इधर, एसीबी टीम आरोपी पटवारी का मेडिकल कराने के बाद उसे उदयपुर ले गई.
एसीबी उदयपुर के उप महानिरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि घोड़च गांव में जमीन के रूपान्तरण को लेकर रतनसिंह ने पटवार मंडल घोड़च में पटवारी पकंज खटीक के समक्ष आवेदन किया था. इस पर पटवारी ने रिश्वत मांगी. इसके बाद पीड़ित रतनसिंह ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में इसकी शिकायत की. इस पर एसीबी उदयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा के नेतृत्व में सत्यापन करवाया. शिकायत सही होने पर एसीबी उदयपुर की टीम के कहे अनुसार पीड़ित रतनसिंह ने देलवाड़ा तहसील कार्यालय में डीडवाना, जिला नागौर निवासी पटवारी पकंज खटीक को 5 हजार रुपए दे दिए. इस पर इशारा पाते ही एसीबी टीम ने पटवारी पकंज खटीक को गिरफ्तार किया.
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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम के देलवाड़ा तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते पटवारी पकंज खटीक को गिरफ्तार करने की सूचना के बाद वहां हड़कंप मच गया. एसीबी की टीम द्वारा उससे गहन पूछताछ करने के साथ ही तहसील कार्यालय के रिकॉर्ड को भी देखा गया. इसके बाद एसीबी टीम ने पटवारी का मेडिकल कराया और फिर उसे उदयपुर लेकर चली गई.