सरगुजा : अम्बिकापुर में पासपोर्ट कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जूनियर असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर को 8 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. आरोपी जूनियर पासपोर्ट अफसर ने पांच लोगों से हज यात्रा के लिए पासपोर्ट बनाने के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग की थी. लेकिन युवक रुपए देने को तैयार नहीं थे. ऐसे में उन्होंने मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में की. शिकायत के बाद टीम ने ट्रेप कार्रवाई की.इसके बाद जूनियर असिस्टेंट पासपोर्ट ऑफिसर संकट मोचन राय को 8 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ा.
क्या है मामला ?: बताया जा रहा है कि बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर अंतर्गत ग्राम दोलंगी निवासी 29 वर्षीय इसरार हुसैन च्वाइस सेंटर का संचालन करता है. च्वाइस सेंटर के माध्यम से ही पासपोर्ट का ऑनलाइन फॉर्म भरा जाता है. युवक ने अपने साथ गांव के दूसरे युवकों का हज यात्रा के लिए पासपोर्ट फॉर्म 9 अप्रैल को भरा था. 24 मई को पोस्ट ऑफिस अंबिकापुर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र से अपॉइनमेंट मिलने पर सभी युवक अपने पासपोर्ट का वेरिफिकेशन कराने के लिए पासपोर्ट कार्यालय पहुंचे थे. जहां कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक संकट मोचन राय से उन्होंने अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराया. सत्यापन के दौरान संकट मोचन राय ने दस्तावेजों में त्रुटि बताकर फाइल को रोक दी और सत्यापन करने के एवज में 10 हजार रुपए की मांग करने लगा.
एसीबी में हुई शिकायत : हज यात्रा के लिए पासपोर्ट बनाने के नाम पर रिश्वत मांगने की शिकायत युवकों ने एंटी करप्शन ब्यूरो में की. ऐसे में डीएसपी प्रमोद खेस के नेतृत्व में टीम ने मामले की जांच कर शिकायत का सत्यापन किया. इस बीच शिकायतकर्ताओं ने संकट मोचन राय से बात कर 8 हजार रुपए में सौदा तय किया. 8 हजार लेकर जूनियर पासपोर्ट अधिकारी ने दस्तावेजों का सत्यापन करने को कहा. दोबारा अपॉइनमेंट मिलने पर सभी शिकायतकर्ता पासपोर्ट कार्यालय पहुंचे. जहां ट्रैप कार्रवाई के तहत जूनियर पासपोर्ट सहायक को 8 हजार रुपए की रिश्वत दी गई.
रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ घूसखोर : जैसे ही अधिकारी ने रिश्वत के रुपए को लेकर अपनी जेब में डाला एसीबी की टीम ने जूनियर पासपोर्ट सहायक संकट मोचन राय को नोटों समेत रंगे हाथों पकड़ लिया. एसीबी की इस कार्रवाई के बाद पोस्ट ऑफिस और पासपोर्ट कार्यालय में हड़कंप मच गया. टीम आरोपी अधिकारी को पकड़कर एसीबी कार्यालय ले आई. जहां पूछ्ताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. एसीबी ने मामले में आरोपी जूनियर पासपोर्ट सहायक के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, (संशोधन 2018) के तहत कार्रवाई की है.