कोटा: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शनिवार को कोटा ग्रामीण पुलिस के कैथून थाने में कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक कांस्टेबल को एसएचओ के लिए 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. जबकि एसएचओ थाने से ही फरार हो गया. पुलिस की मदद से एसीबी उसकी तलाश कर रही है. उसके घर पर भी दबिश दी गई है.
यह रिश्वत जमीनी विवाद के संबंध में एक पक्ष की मदद करने की एवज में ली गई थी. हालांकि थाना अधिकारी कैथून धनराज मीणा के मौके से फरार हो जाने के चलते एसीबी के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. डीआईजी कोटा एसीबी कल्याण मल मीणा का कहना है कि ट्रैप की कार्रवाई कैथून थाने में हुई है. फिलहाल इस संबंध में कार्रवाई जारी है, समय कुछ कहा नहीं जा सकता है. जबकि ट्रैप की कार्रवाई शाम करीब 5:00 बजे के आसपास की है.
इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने एडिशनल एसपी विजय स्वर्णकार के नेतृत्व में कार्रवाई की. जिसके तहत कांस्टेबल भरत जाट को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ के नोट थाने में ही बनाए जा रहे हैं. उसके पास से 3 लाख की राशि भी बरामद कर ली है. हालांकि एसीबी की टीम को देखते ही एसएचओ धनराज मीणा थाने से ही खेत में कूद कर फरार हो गया.
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पर्ची पर लिखकर मांगता था पैसे: थानाधिकारी धनराज मीणा के संबंध में खुलासा हुआ है कि वह बोलकर रिश्वत की राशि नहीं मांगता था. इसकी जगह पर उसके पास पहुंचने वाले लोगों से कागज की पर्ची पर पेन से लिखकर डिमांड करता था और संबंधित व्यक्ति से टिक करवाता था. सौदा तय हो जाने पर उसे पर्ची को फाड़ कर फेंक दिया जाता था. हालांकि इस मामले में उसने फोन पर कांस्टेबल भरत को रिश्वत लेने के लिए कहा था. इसके बाद ही एसीबी ने इस मामले में कार्रवाई की है.