कोरबा: धान खरीदी के बाद सरकार की ओर से किसानों के खाते में उनके हक का पैसा ट्रांसफर कर दिया गया है. पर किसान अपने ही पैसों को निकालने के लिए भटक रहा है. आलम ये है कि किसान के मन मुताबिक पैसे भी बैंकों से नहीं मिल रहे हैं. मन मुताबिक पैसे बैंक से निकालने के लिए पाली में किसान से घूस की भी मांग की गई. किसान ने इस बात की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की. शिकायत के बाद पाली के सहकारी बैंक के मैनेजर और कैशियर को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया.
सहकारी बैंक पाली का मैनेजर और कैशियर गिरफ्तार: किसान का कहना था कि उसके खाते में पांच लाख रुपए धाने बेचने के आए हैं. किसान चाहता था कि पांच लाख रुपए की रकम वो अपने खाते से अपनी जरुरत के लिए निकाले. उसने बैंक के कर्मचारियों को भी यहीं बात बताई. जबकी बैंक की ओर से कहा गया कि उसे सिर्फ 40 हजार ही दिए जा सकते हैं. किसान का कहना है कि उसे एक साथ पांच लाख की रकम देेन की बात हो गई थी जिसके बाद ही वो पांच लाख लेने के लिए बैंक पहुंचा था. आरोप है कि बैंक के मैनेजर और कैशियर ने उससे पांच लाख देने के बदले में घूस की मांग की.
किसान ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत हमारे पास की थी. शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने सहकारी बैंक के पाली के मैनेजर और कैशियर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. दोनों से रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली गई है. नियम के अनुसार जो कार्रवाई होगी वो आगे की जाएगी. - टीआर कोशिमा, एसपी, एंटी करप्शन ब्यूरो
एसीबी ने किया ट्रैप: शिकायतकर्ता रामनोहर यादव ने घूस मांगे जाने की जानकारी एसीबी की टीम को दी. शिकायत मिलने के बाद टीम ने योजनाबद्ध तरीके से रिश्वत की रकम ले रहे दोनों आरोपियों को ट्रैप कर लिया. दरअसल फरियादी किसान को एक साथ बैंक से बड़ी रकम नहीं दी जा सकती है. बावजूद इसके किसान को लाखों रुपए दिए गए. इसमें से रिश्वत की रकम को निकाले गए पैसे से ही काटकर किसान को दे दिए गए. एसीबी ने अपनी जांच में घूस की शिकायत को सही पाया और बैंक मैनेजर और कैशियर को गिरफ्तार कर लिया. दोनों के पास से रिश्वत में ली गई रकम भी बरामद कर ली गई है.