सरगुजा :अंबिकापुर में एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई की है, इस कार्रवाई में एक पटवारी को 5 हजार की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित ने बताया कि फौती में नाम दर्ज करने के नाम पर पटवारी रिश्वत मांग रहा था.जिसकी शिकायत उसने एसीबी से की थी. इसके बाद एसीबी ने पटवारी को ट्रैप कर रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है.
पटवारी ने मांगी थी रिश्वत : पीड़ित डोमन राम राजवाड़े ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद वो पटवारी के पास नाम दर्ज कराने आया. उसके 4 और भाई हैं, उनका और मां का नाम फौती नामांतरण में चढ़ाने के लिए पटवारी वीरेंद्र नाथ पांडेय को कहा.जिस पटवारी ने 5 हजार रुपए मांगे.
''जब मैंने पैसा के लिए मना किया तो उसने काम नहीं करने की बात कही.इसके बाद एसीबी से शिकायत की गई.जिसमें पटवारी को रंगे हाथों ट्रैप किया गया.''-डोमन राम राजवाड़े, पीड़ित किसान
क्या है मामला ?: अंबिकापुर शहर से लगे गांव भिट्ठी कला के रहने वाले डोमन राम राजवाड़े के पिता का साल 2024 में देहांत हो गया था. देहांत होने के बाद 4 भाईयों और मां के नाम पर जमीन का नामांतरण होना था. लेकिन पटवारी नामांतरण नहीं कर रहा था. 5 हजार की रिश्वत मांग रहा था. इसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से की. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाकर ग्राम भिट्ठीकला में 5 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पटवारी वीरेंद्र नाथ पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है.
मनेंद्रगढ़ में भी कार्रवाई : जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ में भी भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है. ग्राम पंचायत लालपुर के सरपंच महेंद्र सिंह की शिकायत पर अम्बिकापुर एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने जनपद के बाबू सत्येंद्र सिन्हा को 19 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. कार्रवाई दोपहर करीब 1 बजे की गई, जब एसीबी की टीम ने कार्यालय में दबिश दी. तीन घंटे की पूछताछ के बाद बाबू को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया.
सरपंच से मांगी गई थी रिश्वत :एसीबी के उप पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार खेस ने बताया कि 2019-20 में ग्राम पंचायत लालपुर में सीसी रोड और निर्मला घाट निर्माण योजना के तहत 5 लाख रुपये जनपद पंचायत और 2 लाख 60 हजार रुपये जिला पंचायत से स्वीकृत किए गए थे. निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद शेष राशि 3 लाख 30 हजार रुपये जनपद पंचायत से और 1 लाख 44 हजार रुपये जिला पंचायत से मिलना बाकी था. बाबू सत्येंद्र सिन्हा ने इसी राशि में से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. सरपंच ने इसे देने से इनकार करते हुए एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी.