कोरबा: कोरबा नगर निगम में सहायक और अधीक्षण अभियंता के खिलाफ घूसखोरी का आरोप लगा था. जिस पर ACB ने तगड़ा एक्शन लिया है. दो ठेकेदार पर बिल भुगतान के एवज में कमीशन मांगने का आरोप लगा था. जिसके बाद ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने रेड मारी. सुपरीटेंडेंट इंजीनियर देवेंद्र स्वर्णकार और असिस्टेंट इंजीनियर डीसी सोनकर को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
बिल पास करने के लिए घूस मांगने का आरोप: दोनों इंजीनियरों पर ठेकेदार के बिल पास करने के एवज में घूस मांगने का आरोप लगा था. मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने नगर पालिक निगम के दर्री जोन में दबिश दी और यहीं से दोनों इंजीनियर को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई के बाद कोरबा के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.
"योजना अनुसार आज 18 जून को प्रार्थी जब अरोपी सोनकर को रिश्वत की रकम 35 हजार रुपये देने निगम कार्यालय कोरबा गया. तब अरोपी सोनकर ने अपने सब इंजीनियर देवेंद्र स्वर्णकार को दर्री जोन कार्यालय में यह रकम दे देने की बात कही.जिसके बाद प्रार्थी द्वारा अरोपी देवेंद्र को रिश्वत की रकम दर्री जोन कार्यालय में दिया गया. उसी वक्त रिश्वत की रकम के साथ आरोपी को पकड़ा गया. दोनों आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है": एसीबी
किसकी शिकायत पर की गई कार्रवाई: मिली जानकारी के मुताबिक प्रार्थी मानक साहू की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. पीड़ित ढोढ़ीपारा के वार्ड नंबर 15 का निवासी है. पीड़ित की शिकायत पर डीसी सोनकर और देवेंद्र स्वर्णकार को गिरफ्तार किया गया है. दोनों कोरबा के दर्री जोन में काम करते हैं. इंजीनियर डीसी सोनकर पर ठेकेदार से 21 लाख के बिल पर दो फीसदी की कमीशन मांगी गई थी जिसका मूल्य कुल 42 हजार रुपये होता है. इस बात की शिकायत पीड़ित ने बिलासपुर एसीबी से की थी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते आरोपी इंजनीयिर को पकड़ा गया. उसके बाद पीड़ित से इसका सत्यापन कराया गया.