नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) इकाई द्वारा भाषा संगम 2.0 का आयोजन किया जा रहा है. इसके अगले शनिवार से शुरू होने की तैयारियां की जा रही हैं. इस पहल का ध्येय है भाषा अनेक, भाव एक जो अंतरराष्ट्रीय और भारतीय भाषाओं के विविधता और एकता को समर्पित है.
भाषा संगम 2.0 के अंतर्गत 22 भाषाएं सिखाई जाएंगी जिसमें संस्कृत, तमिल और असमी समेत 9 भारतीय, जर्मन, फ्रेंच और स्पेनिश समेत 13 विदेशी भाषाएं शामिल हैं. इस भाषा संगम में भारत के 80 सुप्रसिद्ध शिक्षक और जानकार अपनी विशेषज्ञता प्रदान करेंगे, जिससे प्रतिभागियों को वैश्विक भाषा कौशल में भी महारत हासिल हो सके. यह कार्यशाला किसी भी उम्र के छात्र/छात्राओं और लोगों के लिए खुली है. इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को कार्यशाला के प्रमाणपत्र से पुरस्कृत किया जाएगा, जिससे उनके भाषा ज्ञान को औपचारिक मान्यता मिलेगी.
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कार्यशाला में शामिल होने के लिए पंजीकरण हेतु जेएनयू की एबीवीपी इकाई की ओर से क्यूआर कोड भी जारी किया गया है. अभाविप जेएनयू के अध्यक्ष राजेश्वर कांत दूबे ने कहा कि भाषा संगम अपने-आप में एक अनूठा पहल है जो पूर्ण रूप से विद्यार्थियों द्वारा चलाया जाता है. इस पहल से कई सारे छात्र जुड़ते हैं और नई भाषा सीख कर अपने कौशल का विकास करते है, भाषा संगम में जेएनयू के स्कूल ऑफ़ लैंग्वेज के छात्रों का विशेष योगदान होता है जिसके लिए मैं अध्यक्ष होने के नाते उनका आभार व्यक्त करता हूं.
अभाविप जेएनयू की इकाई मंत्री शिखा स्वराज ने कहा कि भाषा संगम से देश और विदेश के अनेको छात्र-छात्राएं हमसे जुड़ते हैं. इससे पूर्व हुए भाषा संगम में हमने हजारों छात्र-छात्राओं को कई भाषाएं सिखाई और आज वो कई विख्यात कंपनियों में कार्यरत हैं. इस कार्यशाला में केवल भाषा का नहीं अपितु आचार, विचार और व्यवहार का भी आदान प्रदान होता है.
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