गिरिडीह: उत्पाद सिपाही बहाली में शामिल हुए अभ्यर्थियों के बीमार पड़ने, बेहोश होने, इलाज के दौरान सदर अस्पताल के कुव्यवस्था और सूबे में 12 से अधिक अभ्यर्थियों की मौत के खिलाफ अभाविप ने एक दिवसीय आंदोलन किया. इस आंदोलन के तहत सदर अस्पताल के गेट पर धरना दिया और इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका. इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. अभाविप के इस आंदोलन को देखते हुए नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद मौजूद रहे और कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की.
क्या कहती है अभाविप
इस दौरान अभाविप के कार्यकर्ताओं ने बताया कि उत्पाद सिपाही की बहाली के दरमियान कई अभ्यर्थी बेहोश हो गए. इन अभ्यर्थियों को पुलिस प्रशासन द्वारा एंबुलेंस से सदर अस्पताल लाया गया लेकिन यहां कुव्यवस्था का आलम रहा. गिरिडीह के सदर अस्पताल में भर्ती अभ्यर्थियों को अस्पताल के कॉरिडोर में रखकर ट्रीटमेंट किया गया. एक बेड पर चार-चार अभ्यर्थियों को रखा गया.
कर्मियों से जब सवाल पूछा गया तो उनका कहना है कि परिषद ही व्यवस्था नहीं करती है. ऐसे में अभाविप राज्य सरकार से यह पूछता है कि जब बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई तो मेडिकल सुविधा को दुरुस्त क्यों नहीं किया गया. अभाविप के सदस्यों ने कहा कि विद्यार्थी परिषद की मांग है कि दौड़ सुबह 8:00 बजे से पहले समाप्त किया जाए.
वहीं, मृतक अभ्यर्थियों के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के सदस्य को नौकरी दे. दौड़ने वाली स्थान पर मेडिकल की पर्याप्त व्यवस्था हो. गिरिडीह के सदर अस्पताल में सुधार करें. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के झारखंड प्रदेश के प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि हेमंत सरकार युवा विरोधी है. यह सरकार रोजगार के नाम पर मौत बांटने का काम कर रही है.
प्रदर्शन में ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान गिरिडीह जिला संयोजक उज्जवल तिवारी, गिरिडीह नगर मंत्री बबलू यादव, झारखंड प्रदेश के जनजातीय सह प्रमुख मंटू मुर्मू, नगर सह मंत्री रोहित बरनवाल, चंदन ओझा , गिरिडीह कॉलेज मंत्री नीरज चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रोशन चंद्रवंशी, कॉलेज उपाध्यक्ष राहुल पांडे, अनीश कुमार राय, अभिजीत सिन्हा, चैतन्य मिश्रा, क्रिस पासवान, आदित्य पासवान, हेमंत तिवारी, आयुष सिंह, रोशन राणा, सदानंद सिंह, सुजल चंद्रवंशी समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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