नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एबीवीआईएमएस) एवं आरएमएल अस्पताल के 10वें दीक्षांत समारोह का सोमवार को आयोजन किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि थीं. उन्होंने कहा कि देश को स्वस्थ रखने में डॉक्टरों का अहम योगदान है. हमारे देश में डॉक्टर को लोग भगवान मानते हैं. आपके मन में सेवा भावना थी, इसलिए आपने मेडिकल फील्ड को चुना. मरीजों के परिजन कई बार आवेश में आकर डॉक्टरों के साथ गलत व्यवहार करते हैं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.
उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की, कि गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक रही. इस दौरान उन्होंने 36 डॉक्टरों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह के अवसर पर 450 डॉक्टरों को स्नातकोत्तर (एमडी) की डिग्री दी गईं.
आज के समय में विज्ञान और तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। Tele-medicine के प्रयोग से दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ी है। रोगों की पहचान एवं इलाज को और भी अधिक प्रभावी ढंग से करने के लिए Artificial Intelligence के प्रयोग पर कार्य किया… pic.twitter.com/SwvdNNySc6
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 30, 2024
समारोह में वर्ष 2016, 2017, 2019, 2020 बैच के डॉक्टरों को डिग्री और गोल्ड मेडल प्रदान किए गए. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ एवं अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जेपी नड्डा ने की.
President Droupadi Murmu graced the 10th convocation of Atal Bihari Vajpayee Institute of Medical Sciences and Dr Ram Manohar Lohia Hospital in New Delhi. The President advised doctors to remain sensitive even in difficult situations. She also advised them to maintain the zeal to… pic.twitter.com/DNcJHXv4wt
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खास बात रही कि पहली बार दीक्षांत समारोह का आयोजन भारतीय परिधान कुर्ता पजामा और अंग वस्त्र में हुआ. इससे पहले आयोजन में गाउन का इस्तेमाल किया जाता था. भारतीय परिधान में डिग्री और मेडल प्राप्त करने पर मेडिकल छात्रों ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे भारतीय सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. ऐसा अन्य विश्वविद्यालयों को भी करना चाहिए.
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