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AAP से कांग्रेस मिलाती 'हाथ' तो बदल सकते थे हालात, आखिर क्यों नहीं मिली 'आप' को एक भी सीट, हार से मिली केजरीवाल को सीख - HARYANA ELECTION RESULT 2024

Haryana Election Result 2024: हरियाणा में आम आदमी पार्टी के बुरी हार मिली है. आप पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई. जानें इसकी वजहें.

Haryana Election Result 2024
Haryana Election Result 2024 (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 9, 2024, 12:42 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 1:36 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में आम आदमी पार्टी के बुरी हार मिली है. सूबे की सभी 90 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. बीच में उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की, बात सिरे नहीं चढ़ी तो आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 88 पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका. हालांकि पांच सीटें ऐसी रही. जिस पर आप पार्टी ने कांग्रेस के साथ खेला कर दिया. मतलब ये कि अगर हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती तो बीजेपी को पांच सीटों से ज्यादा का नुकसान हो सकता था.

हरियाणा में क्यों फेल हुई बीजेपी? हरियाणा चुनाव में आम आदमी के पास मजबूत नेतृत्व की कमी दिखाई दी. जैसे बीजेपी में नायब सैनी, मनोहर लाल, अनिल विज, कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा. इन नेताओं की टक्कर का कोई भी चेहरा आम आदमी पार्टी में नहीं है. जिसकी वजह से आप पार्टी हरियाणा के चुनाव में उतना प्रभाव नहीं डाल सकी. दूसरी वजह से चुनाव प्रचार भी है. आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार फीका रहा है. खुद अरविंद केजरीवाल भी उनती ताकत नहीं झोंक सके जिससे की आम आदमी पार्टी हरियाणा में खाता खोल पाती.

Haryana Election Result 2024
हरियाणा चुनाव 2024 के नतीजे (Etv Bharat)

कांग्रेस को कितना नुकसान? आम आदमी पार्टी ने करीब पांच सीटों पर कांग्रेस को डेंट डाला है. ये पांच सीटें उचाना कलां, असंध, डबवाली, दादरी और महेंद्रगढ़ शामिल हैं. अगर हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती तो बीजेपी को सीधा नुकसान होता, लेकिन आम आदमी पार्टी कांग्रेस का वोट काटने में कामयाब रही. इन सीटों पर जितने वोट आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को मिले हैं. उससे ज्यादा वोटों से कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है. अगर दोनों पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती तो नुकसान बीजेपी को होता.

जल्दबाजी में किया उम्मीदवारों का चयन: आम आदमी पार्टी हरियाणा चुनाव कांग्रेस से साथ गठबंधन कर लड़ना चाहती थी. आप पार्टी कांग्रेस से दस सीटें मांग रही थी. दस सीटों पर आम आदमी पार्टी के पास मजबूत उम्मीदवार भी थे, लेकिन कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम क्षण में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की. जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने जल्दबाजी में बिना किसी सर्वे के 88 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा.

साल 2019 में हरियाणा में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन: साल 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने सूबे की 90 विधानसभा सीटों में से 46 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसमें आप पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले थे. AAP को 0.48 प्रतिशत वोट तो नोटा को 0.53 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार भी हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुला है.

'हरियाणा चुनाव से मिली बड़ी सीख': AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा "चुनाव नजदीक आ रहे हैं। चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आज के चुनाव से सबसे बड़ी सीख यही है कि कभी भी अति आत्मविश्वास में नहीं रहना चाहिए। हर चुनाव, हर सीट मुश्किल होती है। हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए। किसी भी तरह की अंदरूनी लड़ाई नहीं होनी चाहिए। इस चुनाव में आपकी भूमिका सबसे अहम होगी, क्योंकि हम MCD (दिल्ली नगर निगम) में हैं। जनता को साफ-सफाई जैसी बुनियादी चीजों की उम्मीद होती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे इलाकों में साफ-सफाई बनी रहे। अगर ऐसा किया गया तो हम निश्चित रूप से चुनाव जीतेंगे. हमारा मुख्य लक्ष्य चुनाव जीतना होना चाहिए."

हरियाणा में बीजेपी को मिला बहुमत: बता दें कि सभी 90 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 48, कांग्रेस को 37, इनेलो को 2 और निर्दलीयों को दो सीट पर जीत मिली है. हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा 46 है. लिहाजा बीजेपी ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापसी की है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 'हाथ' के बदल गए हालात, बीजेपी की हैट्रिक, मोदी बोले- झूठ की घुट्टी पर विकास की गारंटी भारी पड़ी, कांग्रेस ने 1 लाख वोटों से गंवाई सत्ता

ये भी पढ़ें- हरियाणा में केवल 0.9 प्रतिशत वोट से हारी कांग्रेस, महज 1.18 लाख वोट के अंतर से हो गया 11 सीटों का 'खेल'

चंडीगढ़: हरियाणा में आम आदमी पार्टी के बुरी हार मिली है. सूबे की सभी 90 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था. बीच में उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की, बात सिरे नहीं चढ़ी तो आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 88 पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका. हालांकि पांच सीटें ऐसी रही. जिस पर आप पार्टी ने कांग्रेस के साथ खेला कर दिया. मतलब ये कि अगर हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती तो बीजेपी को पांच सीटों से ज्यादा का नुकसान हो सकता था.

हरियाणा में क्यों फेल हुई बीजेपी? हरियाणा चुनाव में आम आदमी के पास मजबूत नेतृत्व की कमी दिखाई दी. जैसे बीजेपी में नायब सैनी, मनोहर लाल, अनिल विज, कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी सैलजा. इन नेताओं की टक्कर का कोई भी चेहरा आम आदमी पार्टी में नहीं है. जिसकी वजह से आप पार्टी हरियाणा के चुनाव में उतना प्रभाव नहीं डाल सकी. दूसरी वजह से चुनाव प्रचार भी है. आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार फीका रहा है. खुद अरविंद केजरीवाल भी उनती ताकत नहीं झोंक सके जिससे की आम आदमी पार्टी हरियाणा में खाता खोल पाती.

Haryana Election Result 2024
हरियाणा चुनाव 2024 के नतीजे (Etv Bharat)

कांग्रेस को कितना नुकसान? आम आदमी पार्टी ने करीब पांच सीटों पर कांग्रेस को डेंट डाला है. ये पांच सीटें उचाना कलां, असंध, डबवाली, दादरी और महेंद्रगढ़ शामिल हैं. अगर हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती तो बीजेपी को सीधा नुकसान होता, लेकिन आम आदमी पार्टी कांग्रेस का वोट काटने में कामयाब रही. इन सीटों पर जितने वोट आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को मिले हैं. उससे ज्यादा वोटों से कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है. अगर दोनों पार्टी गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती तो नुकसान बीजेपी को होता.

जल्दबाजी में किया उम्मीदवारों का चयन: आम आदमी पार्टी हरियाणा चुनाव कांग्रेस से साथ गठबंधन कर लड़ना चाहती थी. आप पार्टी कांग्रेस से दस सीटें मांग रही थी. दस सीटों पर आम आदमी पार्टी के पास मजबूत उम्मीदवार भी थे, लेकिन कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम क्षण में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की. जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने जल्दबाजी में बिना किसी सर्वे के 88 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ा.

साल 2019 में हरियाणा में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन: साल 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने सूबे की 90 विधानसभा सीटों में से 46 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसमें आप पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले थे. AAP को 0.48 प्रतिशत वोट तो नोटा को 0.53 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार भी हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुला है.

'हरियाणा चुनाव से मिली बड़ी सीख': AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा "चुनाव नजदीक आ रहे हैं। चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आज के चुनाव से सबसे बड़ी सीख यही है कि कभी भी अति आत्मविश्वास में नहीं रहना चाहिए। हर चुनाव, हर सीट मुश्किल होती है। हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए। किसी भी तरह की अंदरूनी लड़ाई नहीं होनी चाहिए। इस चुनाव में आपकी भूमिका सबसे अहम होगी, क्योंकि हम MCD (दिल्ली नगर निगम) में हैं। जनता को साफ-सफाई जैसी बुनियादी चीजों की उम्मीद होती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे इलाकों में साफ-सफाई बनी रहे। अगर ऐसा किया गया तो हम निश्चित रूप से चुनाव जीतेंगे. हमारा मुख्य लक्ष्य चुनाव जीतना होना चाहिए."

हरियाणा में बीजेपी को मिला बहुमत: बता दें कि सभी 90 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 48, कांग्रेस को 37, इनेलो को 2 और निर्दलीयों को दो सीट पर जीत मिली है. हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा 46 है. लिहाजा बीजेपी ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापसी की है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में 'हाथ' के बदल गए हालात, बीजेपी की हैट्रिक, मोदी बोले- झूठ की घुट्टी पर विकास की गारंटी भारी पड़ी, कांग्रेस ने 1 लाख वोटों से गंवाई सत्ता

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Last Updated : Oct 9, 2024, 1:36 PM IST
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