नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत की शर्तों का पालन करते हुए सोमवार सुबह ईडी और सीबीआई के दफ्तर जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देते हुए प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को जांच एजेंसियों के दफ्तर जाकर अपने जांच अधिकारी के सामने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का आदेश दिया था.
मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पहले सीबीआई के दफ्तर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने जांच अधिकारी से मुलाकात कर उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किया. इसके बाद वो ईडी दफ्तर के लिए रवाना हुए और वहां भी जांच अधिकारी के समक्ष अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना मेरी प्राथमिकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुझे हर सोमवार और गुरुवार को ईडी और सीबीआई के दफ्तर में जाकर अपनी उपस्थिति देनी है. इसलिए सुबह सबसे पहले सीबीआई के दफ्तर और फिर ईडी के दफ्तर गया. वहां जाकर दोनों एजेंसियों के इनवेस्टिंग ऑफिसर से मुलाकात की है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आज भी मैं ED और CBI के दफ्तर गया और दोनों के IO से मिलकर आया हूं।@msisodia pic.twitter.com/u4gNgpD3G4
— AAP (@AamAadmiParty) August 12, 2024
बता दें, मनीष सिसोदिया पिछले 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे. जमानत पर बाहर आने के बाद सिसोदिया ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें जेल में डाल दिया था. इस मामले में ईडी और सीबीआई दोनों ने केस पंजीकृत किया है और जांच कर रही हैं. आम आदमी पार्टी के अनुसार पिछले दो साल से चल रही जांच में दोनों ही केंद्रीय जांच एजेंसियों को मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला है.
इसके बाद भी उनको 17 महीने तक जेल में रहना पड़ा. बीते 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मनीष सिसोदिया को कुछ शर्तों के साथ नियमित जमानत दे दी है. उन शर्तों में एक शर्त दोनों जांच एजेंसियों के दफ्तर में जाकर हर सोमवार और गुरुवार को उन्हें अपनी मौजूदगी दर्ज करानी है.
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