नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल के इस्तीफा देने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मंत्री आतिशी ने कहा कि चुनाव से पहले इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल को भाजपा ने खुद नियुक्त किया. जिसकी नियुक्ति को डिफेंड करने के लिए भाजपा शासित केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट तक चली गई.
मंत्री आतिशी ने कहा कि आज पूरे देश का एक ही सवाल है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने चुनावों में ऐसी क्या हेराफेरी करने को कह दिया, जो उनका अपना ही आदमी वो काम नहीं कर पाया और इस्तीफा दे दिया. आज यह भी सवाल उठ रहा है कि जिस तरह अनिल मसीह से चंडीगढ़ मेयर चुनावों में इलेक्शन की चोरी करवाने की कोशिश की. क्या अरुण गोयल को भी ऐसा ही कुछ करने के लिए कहा जा रहा था.
उन्होंने कहा कि भाजपा देश को ये बताए कि इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया? गोयल का कार्यकाल 2027 तक है. उन्होंने 9 मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया. अरुण गोयल वही व्यक्ति हैं, जिन्हें भाजपा ने खुद नियुक्त किया था और इनके वॉलंटियर रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर इलेक्शन कमिश्नर बनाया गया था. जब इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दी गई थी तब कोर्ट ने भी कहा था कि इन्हें नियुक्त करने की इतनी क्या हड़बड़ाहट है कि सिर्फ 24 घंटे मे ही फाइल शुरू होकर अप्रूव भी हो जाती है.
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आतिशी ने कहा कि आज पूरा देश देख रहा है कि भाजपा कभी विधायक तोड़ कर कभी वोट चुराकर, कभी ईडी-सीबीआई से विपक्ष के नेताओं को जेल में भेजकर, तो कभी विपक्षी पार्टियों के बैंक अकाउंट को फ्रिज कर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है. अब अरुण गोयल के इस्तीफे से बहुत बड़े सवालिया निशान आने वाले लोकसभा चुनाव पर उठ गए हैं. जिसका भाजपा को जवाब देना चाहिए.