शिमला: प्रदेश सरकार ने जीरो संख्या वाले 99 प्राइमरी स्कूलों को डी-नोटिफाई कर दिया है. इसके अलावा पांच से कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया है. सरकार ने दो किलोमीटर से कम दूरी वाले स्कूलों को मर्ज किया है ताकि स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के साथ शिक्षकों का भी पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाया जा सके.
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के मुताबिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह निर्णय लिया गया है. कैबिनेट बैठक के दौरान कुछ दिन पहले ही सुक्खू सरकार ने जीरो संख्या वाले स्कूलों और कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया था. शनिवार को कांग्रेस सरकार ने बंद किए हुए स्कूलों और मर्ज किए गए स्कूलों की लिस्ट जारी की है.
सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने बंद किए सैकड़ों संस्थान
साल 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्व की जयराम सरकार के आखिरी 6 माह के कार्यकाल में खोले गए संस्थानों को बंद करने की अधिसूचना जारी की थी. इनमें कॉलेज, विभिन्न विभागों के ऑफिस, स्कूल, स्वास्थ्य संस्थान और अन्य संस्थान शामिल थे. इन संस्थानों को डी-नोटिफाई करने का कारण बताया गया कि पूर्व की भाजपा सरकार ने संस्थान तो खोल दिए थे लेकिन इनके लिए बजट का प्रवाधान नहीं किया गया था.
बता दें कि जयराम सरकार के कार्यकाल के आखिरी छह माह में करीब 900 संस्थान खोले गए थे. उनमें से 500 से अधिक डी-नोटिफाई किए गए थे. मौजूदा सरकार के कार्यकाल में विधानसभा में इस मामले को लेकर कई बार मामला गर्माया है.