गैरसैंण: चमोली के साथ-साथ राज्य के पशुपालकों के लिए सरकार की ओर से संचालित मोबाइल वेटनरी यूनिट वरदान साबित हो रही है. इस योजना के संचालन से पूर्व पशुपालकों को मवेशियों के बीमार और चोटिल होने पर उनका उपचार कराना चुनौती रहता था, लेकिन अब मोबाइल वेटनरी यूनिट के संचालन के बाद पशुपालकों को एक कॉल पर ही उपचार की सुविधा मिल रही है. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित योजना से चमोली में 9264 पशुपालकों को लाभान्वित किया जा चुका है, जबकि पूरे उत्तराखंड में अभी तक 1 लाख 19 हजार 876 मवेशियों का उपचार किया गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वाहनों को दिखाई थी हरी झंडी: उत्तराखंड में केंद्र सरकार के सहयोग से 16 नवंबर 2022 को मोबाइल वेटनरी वाहन योजना के 60 वाहनों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. जिसके तहत राज्य के 13 जनपदों के 90 ब्लॉक में से 60 में वाहनों का संचालन शुरू हुआ. योजना के प्रथम चरण में चमोली जिले के जोशीमठ, कर्णप्रयाग, गैरसैंण और देवाल ब्लॉक में वाहनों का संचालन किया जा रहा है.
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वाहन की सुविधा के लिए डायल करें 1962 हेल्पलाइन नंबर: योजना के संचालन का जिम्मा जीवीके की ईएमआरआई (इमरजेंसी मैनेजमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट) कंपनी को सौंपा गया है. वाहन की सुविधा के लिए कंपनी की ओर से 1962 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. इस नंबर पर पशु पालक की ओर से मवेशी के बीमार या चोटिल होने की सूचना देने पर क्षेत्र में तैनात वाहन मौके पर पहुंच रहा है. वाहन में एक पशु चिकित्साधिकारी के साथ-साथ एक पैरावेट की तैनाती की गई है. जिसके माध्यम से मवेशी का उपचार करने के साथ ही पशुपालकों को दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही हैं.
क्या कहते हैं पशु पालक: ग्राम प्रधान टंगणी (जोशीमठ) के हीरा सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से जोशीमठ क्षेत्र में मोबाइल वेटनरी यूनिट से मवेशियों के उपचार की सुविधा सुगमता से मिल रही है. उन्होंने कहा कि गांव के विजय प्रसाद और आशीष भट्ट के साथ-साथ खुद के मवेशी को वाहन की मदद से समय से उपचार उपलब्ध हुआ है. वहीं, सैकोट गांव की संतोषी देवी सेमवाल ने बताया कि पशुपालन विभाग में संचालित हेल्पलाइन 1962 नंबर की मदद से सुगमता से समय पर मवेशी के उपचार की सुविधा मिल रही है. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालन करने वाले लोग खुश हैं.
राज्य में 60 मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन: राज्य प्रभारी 1962 मोबाइल वेटनरी यूनिट के आशीष नेगी ने बताया कि राज्य में 60 मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन किया जा रहा है. चमोली में कर्णप्रयाग, गैरसैंण, देवाल और जोशीमठ में तैनात वाहनों से अभी तक 9264 और रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ में तैनात वाहनों से 2838 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक 1 लाख 19 हजार 876 मवेशियों का यूनिट के माध्यम से उपचार किया गया है.
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