लखनऊः शहर के अंदर बने चार बस स्टेशनों से चलने वाली हजारों बसें जाम का बड़ा कारण बनती हैं. लखनऊ के चारबाग, कैसरबाग, आलमबाग और अवध बस स्टेशन से रोजाना तकरीबन 2400 बसों का आवागमन होता हैं. बसों का साइज काफी बड़ा होने के चलते संकरी सड़कों पर हर रोज जाम लग जाता है. इससे निपटने के लिए दो वर्ष पहले शहर के बाहर बस स्टेशन डेवलप करने की कवायद शुरू की गई थी. इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था. लेकिन अब इस योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है. शहर के चारों तरफ आउटर रिंग पर आठ बस स्टेशन बनाने की दिशा में महापौर के नेतृत्व में शनिवार को जलकल कार्यालय में बैठक हुई. बैठक में लखनऊ में हाइवे, रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर आठ बस अड्डे बनाने पर चर्चा हुई.
आठ जिलों को जोड़ेंगे आठ बस स्टेशन
लखनऊ के रिंग रोड, आउटर रिंग रोड और हाईवे पर प्रस्तावित आठ बस स्टेशन आठ जिलों को जोड़ेंगे. इससे यात्रियों को आवागमन में आसानी होगी. इनमें लखनऊ से सीतापुर, मोहान, कानपुर, हरदोई, रायबरेली, अयोध्या, कुर्सी रोड व सुल्तानपुर रोड शामिल हैं. इन इलाकों में जमीन की तलाश तेज कर दी गई है. एक बस स्टेशन बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी.
तीन एकड़ में बनेंगे ई बसों के चार्जिंग स्टेशन
शासन की तरफ से जिलाधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं. पत्र के मुताबिक हाईवे और रिंग रोड पर बस स्टेशन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया है. परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि 10 एकड़ जमीन में बसों की मरम्मत के लिए कार्यशाला और तीन एकड़ में इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में शहर के बाहर बस स्टेशन डेवलप किए जाएंगे. इसके लिए लखनऊ के हाईवे, रिंग रोड और आउटर रिंग रोड पर जमीन की डिमांड की गई है. मुख्यालय से जल्द ही एक प्रस्ताव बनाकर शासन भेजा जाएगा. -आरके त्रिपाठी, क्षेत्रीय प्रबंधक