नई दिल्ली: पहली बार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की महिला कमांडो कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शौर्य धुन पर कदमताल करेंगी. महिलाएं ही बैंड की प्रस्तुति भी देंगी. पहली बार ऐसा हो रहा है जब सिर्फ सीआईएसएफ की महिलाएं ही परेड में शामिल हो रही हैं. सीआईएसएफ के पुरुष जवान शामिल नहीं हो रहे हैं. इस गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ से देश ही नहीं पूरी दुनिया को महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया जाएगा. सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट तनमय मोहंती 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में परेड कमांडर की भूमिका निभाएंगी. सीआइएसएफ की महिला बस सदस्यों ने एक सुर में कहा कि कर्तव्य पथ पर पहुंचते ही थकान और ठंड प्राउड में बदल जाता है.
सीआईएसएफ के दस्ते में 148 महिलाएं हैं: सीआईएसएफ की सहायक कमांडेंट तनमय मोहंती ने बताया कि वह वाराणसी एयरपोर्ट पर पोस्टेड हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार मुझे गणतंत्र दिवस की परेड में महिला टुकड़ी को एक कमांडर की तरह लीड करने का मौका मिल रहा है. मैं बेहद खुश हूं. यह मेरे परिवार और पूरी सीआईएसएफ के लिए गौरव का क्षण है कि ऐसा देश या दुनिया में पहली बार हो रहा है जब किसी फोर्स की सिर्फ महिलाएं ही परेड का हिस्सा बन रही हैं. हमारे पास 148 महिलाओं की टुकड़ी है, लेकिन हम एक होकर मार्च करते हैं, जिससे देखने वालों को लगे के एक ही व्यक्ति मार्च करते आ रहा है.
तनमय मोहंती ने कहा कि हम सब एक, तन, मन और ध्यान से करते हैं. इसके लिए हमारे चीफ ड्रिल इंस्ट्रक्टर ने बहुत मेहनत कराई है और मनोबल बढ़ाया है. इसका नतीजा है कि जब हम कर्तव्य पथ पर उतरते हैं तो लगता है कि 148 नहीं एक ही व्यक्ति मार्च कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले लड़कियों को फोर्स में नहीं आने दिया जाता था, लेकिन अब यह विचारधारा बदल रही है. मैं खुद रिमोट एरिया से आती हूं. लड़कियों के लिए फोर्स अच्छी जगह है.
हम देश को जोड़ने आगे बढ़ाने के लिए काम करें: सीआईएसएफ की असिस्टेंट कमांडेंट नुसायफा केके वर्तमान में बीएचएल भोपाल में पोस्टेड हैं. उन्होंने कहा कि मैं धन्यवाद करना चाहती हूं मंत्रालय और सरकार का जिन्होंने 2024 के गणतंत्र दिवस परेड में सीआईएसएफ की तरफ से सिर्फ महिलाओं को हिस्सा लेने का आदेश जारी किया. जब से इसकी जानकारी मिली थी तब से सीआईएसएफ की महिलाओं में एक उत्साह और जोश था. सीआईएसएफ में अन्य फोर्स से ज्यादा लड़कियां हैं. कई चरणों में परेड के लिए महिला बल सदस्यों का चयन हुआ है. यह हमारे लिए बड़ी बात है. अक्टूबर से हम लोग ट्रेनिंग कर रहे हैं. लेकिन कर्तव्य पथ पर जब हम जाते हैं तो हमारी सारी थकावट दूर हो जाती है. कड़ाके की ठंड रहती है जो एक प्राउड के रूप में बदल जाती है.
नुसायफा केके ने कहा कि प्रैक्टिस के समय राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री नहीं होते हैं, लेकिन हमने ऐसा महसूस किया कि वहां पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री हैं, और हम उन्हें सलामी देते हुए वहां से आगे बढ़े. जितनी भी लड़कियां इस परेड में शामिल हो रही हैं उनके अंदर वर्दी पहनकर कर्तव्य पर कदमताल करने का जुनून है. तैयारी के दौरान समस्याएं और खुशियां दोनों आईं. सीआईएसएफ की कई महिलाएं बच्चों की मां हैं. कोई घर में माता पिता की अकेली बेटी है. तमाम समस्याएंओं को दरकिनार कर परेड में शामिल होने आई हैं. नुसायफा ने कहा कि हम सभी देश को जोड़ने और देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करें.
दिल्ली की कड़ी सर्दी भी हौसले के आगे हार गई
सीआईएसएफ की महिला जवान सुनीता थापा ने बताया कि वह असाम की हैं. दिल्ली में सर्दी एक बड़ी चुनौती थी. रात के ढाई बजे उठकर कड़ी सर्दी में ड्रेस पहनकर अभ्यास करना होता था. स्वेटर नहीं पहनते थे. हमने अपने आप को दिल्ली के मौसम के अनुसार ढाला ताकि बेहतर प्रदर्शन कर सकूं.
कर्नाटक से आईं रेशमा राठौर ने कहा कि पहली बार परेड में शामिल हो रही हूं. इससे बहुत खुशी है. परेड के दौरान लोग हमे देखते हैं और तालियां बजाते हैं. इससे प्राउड फील होता है.
झारखंड से आईं कुमारी ज्योति ने कहा कि हमारे यहां बहुत कम लड़कियां बाहर निकलकर फोर्स या अन्य नौकरी में जाती हैं. हमारे लिए यह गौरव की बात है कि मैं कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होकर अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनूंगी. मैं हर लड़की से कहना चाहती हूं कि वह घर से बाहर निकलें और हर चुनौतियों का सामना करें.
कर्तव्य पथ पर बेस ड्रम की प्रस्तुति सीआईएसएफ की महिला जवान कविता देंगी. पूरी परेड को ड्रम की धुन पर एक साथ लेकर चलने का दायित्व उनके पास है. उन्होंने बताया कि इसके लिए वह तीन माह से लगातार अभ्यास किया. उन्होंने बताया कि वह दिल्ली से हैं और मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षा में तैनात हैं.
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सात बार परेड की चैंपियन रही है सीआईएसएफ: सीआईएएसएफ ने वर्ष 2007, 2008, 2013, 2015, 2017, 2020 और 2022 में गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया. सातों बार सीआईएसएफ परेड में पहले स्थान पर रही. सीआईएसएफ को पहले पायदान की ट्राफी मिली. इस बार परेड में शामिल होने जा रही सीआएसएफ की महिलाओं ने कहा कि हर शिखर पर पहुंचना और वहां बने रहना चुनौतीपूर्ण होता है. लगातार चैपियन बने रहने के पीछे हमारे सीडीआई पीके भाटी की मेहनत है. हमने पूरे तन मन से मेहनत की है, जिससे एक बार फिर परेड के चैंपियन बने.
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