ETV Bharat / state

दिल्ली विधानसभा में आयोजित युवा संसद में 75 छात्रों ने लिया हिस्सा, जानिए किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा - DELHI ASSEMBLY YOUTH PARLIAMENT

-युवा संसद में छात्र ने उठाया उत्तर पूर्वी दिल्ली में बच्चों के लिए स्कूलों की पर्याप्त व्यवस्था न होने का मुद्दा

दिल्ली विधानसभा में आयोजित युवा संसद
दिल्ली विधानसभा में आयोजित युवा संसद (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 6, 2024, 10:18 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा में आयोजित युवा संसद में अलग-अलग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक न्याय विषय पर चर्चा की. इस चर्चा को दिल्ली युवा संवाद का नाम दिया गया. इस संवाद में शामिल बच्चों में कुछ बच्चों ने सत्तापक्ष और कुछ ने विपक्ष की भूमिका निभाई.

संवाद में शामिल छात्रा अवनी प्रिया ने कहा, 'मैंने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखी है. इस यूथ पार्लियामेंट में सत्तापक्ष के सदस्यों की संख्या ज्यादा है और विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम है तो सत्ता पक्ष के लोगों को ज्यादा बोलने का मौका मिला है. मेरा कहना है कि विपक्ष को भी बोलने का बराबर मौका मिलना चाहिए. युवा संसद के पहले सत्र में सत्तापक्ष की ओर से विपक्ष को क्रिटिसाइज भी किया गया.

युवा संसद में 75 छात्रों ने लिया हिस्सा (ETV BHARAT)

वहीं, विपक्ष की तरफ से छात्र मयंक ने विपक्षी सदस्य की भूमिका निभाते हुए कहा कि ''हमने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर युवा संवाद में हुई चर्चा के दौरान राजधानी के उत्तर पूर्वी जिले में पढ़ने वाले बच्चों की तुलना में कम स्कूल होने का मुद्दा उठाया. उत्तर-पूर्वी जिले में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या एक लाख 32 हजार जबकि उनके लिए उपलब्ध सरकारी स्कूलों की संख्या मात्र 48 है.'' उन्होंने आगे कहा कि हमने सदन में सरकार से मांग की कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था पर सिर्फ चर्चा करने से कुछ नहीं होगा, धरातल पर भी काम करने की जरूरत है.

जबकि, सत्ता पक्ष की ओर से निकुंज कुमार ने हर बच्चे तक शिक्षा की पहुंच को लेकर अपने विचार रखें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 10 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी कार्य किया है उससे समाज की अंतिम पंक्ति के अंतिम बच्चे तक शिक्षा की पहुंच बनी है. इस पहुंच के आधार पर ही समाज का एक बड़ा तबका सामाजिक न्याय की परिभाषा को समझने में सक्षम हुआ है.

दिल्ली युवा संवाद
दिल्ली युवा संवाद (दिल्ली युवा संवाद)

युवा संसद के आयोजक एडवोकेट जय सैनी ने बताया कि इस दिल्ली युवा संवाद के लिए इन बच्चों का चयन कई चरण की प्रक्रिया में शामिल होने के बाद हुआ है. पहले इन बच्चों ने स्टेटमेंट ऑफ परपज दिया. उसके बाद इंटरव्यू के लिए चयनित हुए. फिर इंटरव्यू के बाद इनका अंतिम रूप से चयन हुआ है. हमारे पास युवा संसद में शामिल होने के लिए एक हजार से ज्यादा आवेदन आए थे. इनमें से 75 छात्र-छात्राएं को चुना है. हमारा प्रयास है कि बच्चे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और उसके मूल्यों को समझें.

वहीं, आयोजकों में शामिल एडवोकेट ईशा कपूर ने कहा कि हमारा शुरू से ही प्रयास है कि लोगों को सामाजिक न्याय के बारे में जानकारी हो. साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही बहुत ही महत्वपूर्ण विषय़ हैं. इन मुद्दों को लेकर अगर छात्र-छात्राएं चर्चा करेंगे तो उनका ज्ञानवर्धन होगा. इन मुद्दों को लेकर जब हम विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से मिले तो उन्होंने भी हमारी बात से सहमत होते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण विषय बताते हुए उन पर चर्चा कराने की बात कही. ईशा ने बताया कि दो दिवसीय इस युवा संसद में शनिवार को दूसरे दिन बच्चे दो बिल लेकर आए हैं. अब इन बिलों पर कल चर्चा होगी. युवा संसद को विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने भी संबोधित किया.

ये भी पढ़ें:

नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा में आयोजित युवा संसद में अलग-अलग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक न्याय विषय पर चर्चा की. इस चर्चा को दिल्ली युवा संवाद का नाम दिया गया. इस संवाद में शामिल बच्चों में कुछ बच्चों ने सत्तापक्ष और कुछ ने विपक्ष की भूमिका निभाई.

संवाद में शामिल छात्रा अवनी प्रिया ने कहा, 'मैंने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखी है. इस यूथ पार्लियामेंट में सत्तापक्ष के सदस्यों की संख्या ज्यादा है और विपक्ष के सदस्यों की संख्या कम है तो सत्ता पक्ष के लोगों को ज्यादा बोलने का मौका मिला है. मेरा कहना है कि विपक्ष को भी बोलने का बराबर मौका मिलना चाहिए. युवा संसद के पहले सत्र में सत्तापक्ष की ओर से विपक्ष को क्रिटिसाइज भी किया गया.

युवा संसद में 75 छात्रों ने लिया हिस्सा (ETV BHARAT)

वहीं, विपक्ष की तरफ से छात्र मयंक ने विपक्षी सदस्य की भूमिका निभाते हुए कहा कि ''हमने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर युवा संवाद में हुई चर्चा के दौरान राजधानी के उत्तर पूर्वी जिले में पढ़ने वाले बच्चों की तुलना में कम स्कूल होने का मुद्दा उठाया. उत्तर-पूर्वी जिले में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या एक लाख 32 हजार जबकि उनके लिए उपलब्ध सरकारी स्कूलों की संख्या मात्र 48 है.'' उन्होंने आगे कहा कि हमने सदन में सरकार से मांग की कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था पर सिर्फ चर्चा करने से कुछ नहीं होगा, धरातल पर भी काम करने की जरूरत है.

जबकि, सत्ता पक्ष की ओर से निकुंज कुमार ने हर बच्चे तक शिक्षा की पहुंच को लेकर अपने विचार रखें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 10 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी कार्य किया है उससे समाज की अंतिम पंक्ति के अंतिम बच्चे तक शिक्षा की पहुंच बनी है. इस पहुंच के आधार पर ही समाज का एक बड़ा तबका सामाजिक न्याय की परिभाषा को समझने में सक्षम हुआ है.

दिल्ली युवा संवाद
दिल्ली युवा संवाद (दिल्ली युवा संवाद)

युवा संसद के आयोजक एडवोकेट जय सैनी ने बताया कि इस दिल्ली युवा संवाद के लिए इन बच्चों का चयन कई चरण की प्रक्रिया में शामिल होने के बाद हुआ है. पहले इन बच्चों ने स्टेटमेंट ऑफ परपज दिया. उसके बाद इंटरव्यू के लिए चयनित हुए. फिर इंटरव्यू के बाद इनका अंतिम रूप से चयन हुआ है. हमारे पास युवा संसद में शामिल होने के लिए एक हजार से ज्यादा आवेदन आए थे. इनमें से 75 छात्र-छात्राएं को चुना है. हमारा प्रयास है कि बच्चे लोकतांत्रिक प्रक्रिया और उसके मूल्यों को समझें.

वहीं, आयोजकों में शामिल एडवोकेट ईशा कपूर ने कहा कि हमारा शुरू से ही प्रयास है कि लोगों को सामाजिक न्याय के बारे में जानकारी हो. साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही बहुत ही महत्वपूर्ण विषय़ हैं. इन मुद्दों को लेकर अगर छात्र-छात्राएं चर्चा करेंगे तो उनका ज्ञानवर्धन होगा. इन मुद्दों को लेकर जब हम विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से मिले तो उन्होंने भी हमारी बात से सहमत होते हुए शिक्षा और स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण विषय बताते हुए उन पर चर्चा कराने की बात कही. ईशा ने बताया कि दो दिवसीय इस युवा संसद में शनिवार को दूसरे दिन बच्चे दो बिल लेकर आए हैं. अब इन बिलों पर कल चर्चा होगी. युवा संसद को विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने भी संबोधित किया.

ये भी पढ़ें:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.