अजमेर. विधानसभा में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया. बजट में युवाओं का विशेष ख्याल रखते हुए 70 हजार नई भर्तियां निकालने की घोषणा की गई है. साथ ही परीक्षाओं का कलैंडर जारी किए जाने का भी एलान किया गया है. अंतरिम बजट में बम्पर भर्ती की घोषणा किए जाने से युवाओं में खुशी की लहर है. हालांकि, यह बंपर भर्ती किन- किन विभागों में होगी यह जानने के लिए युवाओं में उत्सुकता है.
फिलहाल बजट घोषणा में यह स्पष्ट नही किया गया है. इस घोषणा से बेरोजगार शिक्षित युवाओं में खुशी का माहौल है. साथ, ही उन्हें उम्मीद है कि इतनी भर्ती में कही ना कही युवाओं को नौकरी में चांस जरूर मिलेगा. 70 हजार नई नौकरियों की घोषणा के साथ भर्ती के लिए कलैंडर भी जारी करने का एलान किया है.
पढ़ें: दीया कुमारी के बजट की यह 10 बातें, जानिए राजस्थान के अंतरिम बजट का सार
युवा हर्षित बताते है कि भजन लाल सरकार के अंतरिम बजट में युवाओं को तरजीह दी गई है. 70 हजार नई नौकरियों के ऐलान से काफी खुश हूं. हर्षित का कहना है कि ये भर्तियां किन विभागों से होगी यह भी जल्द स्पष्ट हो जाए ताकि युवाओं में मनोबल बढ़े. उन्होंने बताया कि बेरोजगारी का दंश झेल रहे कई युवा नौकरी न मिलने की वजह से गलत दिशा में चले जाते हैं. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध में लिप्त हो जाते हैं. नई भर्ती निकलने से युवाओं को लक्ष्य मिल जाएगा और वह अपनी तैयारी में जुट जाएंगे. नई भर्तियों के पूर्ण होने से बेरोजगारी की दर में कुछ कमी होगी. उन्होंने कहा कि यूपीएससी की तर्ज पर वैकेंसी होनी चाहिए. सरकार ने बजट में भर्तियों का वार्षिक कलैंडर जारी करने की भी बात कही है. ऐसा होता है तो अच्छी बात है लेकिन उससे बड़ी बात कैलेंडर की पलना भी हो और निर्विवाद भर्तियां समय पर हो. वार्षिक कैलेंडर आवश्यक रूप से जारी होना चाहिए ताकि युवा शिक्षित बेरोजगारों को यह पता हो कि कौन सी परीक्षा कब होगी, ताकि उसके अनुरूप वह परीक्षा की तैयारी कर सके.
स्थानीय युवा संदीप बताते है कि 70 हजार नई भर्ती की अंतरिम बजट में घोषणा की गई है इसकी सरहाना होनी चाहिए, लेकिन इसमें स्पष्ट होना चाहिए कि भर्तियां किस-किस विभाग के लिए होगी. उन्होंने कहा कि आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड को सटीक कैलेंडर बनाना चाहिए. वर्षभर की जितनी भी भर्तियां हैं उसके बारे में कैलेंडर के माध्यम से युवाओं को पता चलता रहे. कैलेंडर जारी होने के बाद शिक्षित बेरोजगार मानसिक रूप से भी परीक्षा के लिए वह तैयार रहता है. संदीप ने बताया कि जब कैलेंडर ही समय पर जारी नहीं होंगे और टुकड़ों में जारी होंगे तो युवाओं का मनोबल टूटने लगता है और वह तनाव के शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी भर्तियां निकाली जाए उसे पूरी पारदर्शिता के साथ अमली जामा पहनाया जाए. पेपर लीक की घटनाएं ना हो क्योंकि ऐसी घटनाओं से युवाओं में मानसिक तनाव बढ़ रहा है. साथ ही व्यवस्थाओं से युवा बेरोजगारों का भरोसा उठने लगा है.
आरबीएसई और आरपीएससी में भी लंबे समय से नही निकली भर्ती : युवाओं ने बताया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में ढाई दशक से भर्ती नहीं निकली है. वहीं, आरपीएससी में भी कई वर्षों से भर्ती नही निकली गई है. इनके अलावा पीएचईडी , पीडब्ल्यूडी समेत कई विभाग है जहां रिक्त पद होने के बावजूद भर्तियां नही निकली जा रही है.