लखनऊः लखनऊ में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 6800 अभ्यर्थी आरक्षण को लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, प्रदर्शन के तीसरे दिन 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नौकरी पा चुके शिक्षक भी सरकार से संवैधानिक संरक्षण और नई मेरिट सूची नहीं जारी करने की मांग को लेकर धरना देने पहुंच गए. 1 दिन की छुट्टी लेकर हजारों की संख्या में शिक्षक धरना प्रदर्शन में शामिल हुए हैं. इनकी मांग है कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने से पहले सभी पक्षों को अच्छे से देख ले और नौकरी पा चुके किसी एक भी शिक्षक का अहित न हो.
मुख्यमंत्री से मांगा संवैधानिक संरक्षणः शिक्षकों ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग रख रहे हैं. उनका प्रदर्शन अपनी नौकरी बचाने के लिए है. प्रदर्शन में शामिल शिक्षक डॉक्टर धीरज चांदनी ने कहा कि यह जितने भी शिक्षक आए हैं, वह सरकार से संवैधानिक संरक्षण की मांग कर रहे है. साथ ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने जो नई मेरिट जारी करने की बात कही है, उसे पर रोक लगाने की मांग है. उन्होंने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में 19000 की धांधली की सूची किसने बनाया? हम योग्य हैं, हम 75 गुणांक पाए हैं. सभी मेरिट से नौकरी पाए. अन्य टीचरों ने कहा कि अगर सरकार नई मेरिट सूची बनती है तो उनकी नौकरी सकती है. ऐसे में उनके सामने जीने मरने का संकट खड़ा हो जाएगा. कई शिक्षक के पास कार, हाउस लोन चल रहे हैं. अगर नौकरी जाती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा.
आरक्षण घोटाला कैसे हुआ?
शिक्षकों ने प्रदर्शन के दौरान अपने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर आरक्षण के मुद्दे पर ही सवाल खड़ा किया. उन्होंने पूरी भर्ती प्रक्रिया को सही बताते हुए कहा कि 69000 भर्ती प्रक्रिया में आखिर पीड़ित कौन है? शिक्षकों के हाथ में जो पोस्ट थे उसमें लिखा था कि '69000 शिक्षक भर्ती में अनारक्षित वर्ग की 34589 सीटें है. जिस पर सामान नियुक्ति 20310, अन्य पिछड़ा वर्ग 13007, अनुसूचित वर्ग 1753 और अनुसूचित जनजाति के 24 अभ्यर्थी नियुक्ति है. इस भर्ती प्रक्रिया में कुल सामान्य अभ्यर्थियों की जनसंख्या 29%, पिछड़ा वर्ग की 45% व एससी-एसटी वर्ग के 26% है. इस तरह से 71% सीटों पर आरक्षित वर्ग को नियुक्ति मिला है. फिर ऐसे में आरक्षण घोटाला कैसे हुआ?
दोनों गुट आमने-सामने कर रहे हैं प्रदर्शनः वही बेसिक सेल इन द सेल पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद 6800 अभ्यर्थी बीते तीन दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. तो वहीं गुरुवार को नौकरी पा चुके शिक्षकों का अच्छा भी प्रदर्शन करने पहुंच गए. ऐसे में बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर का माहौल काफी तनाव पूर्ण हो गया. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने जहां योगी आदित्यनाथ का पोस्टर हाथ में लेकर कम से संरक्षण के गुहार लगा रहे थे. वही 6800 अभ्यर्थी आरक्षण के मुद्दे को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, अपना दल एस नेता व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सहित अपने समाज के नेताओं की पोस्टर लगाकर नारेबाजी कर रहे थे. दोनों गुटों के एक साथ प्रदर्शन करने की सूचना पर मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
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