लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास का घेराव किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की. अभ्यर्थियों के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने की सूचना से पहले ही वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग और प्रशासन के लोग वादाखिलाफी कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराने का आश्वासन दिया था. लेकिन, उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. इसी बात से नाराज अभ्यर्थी एक बार फिर मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. वहीं, इससे पहले सोमवार को भी अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया था और उनसे मुलाकात की मांग पर अड़े थे. लेकिन, पुलिस ने अभ्यर्थियों को वहां से बसों में भरकर इको गार्डन भेज दिया था.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं अमरेंद्र पटेल ने बताया कि लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच में 69000 शिक्षक भर्ती संबंधित मामले की सुनवाई चल रही है. इस संबंध में शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और विभाग के अधिकारी ने हम अभ्यर्थियों से मीटिंग में जो वादे किए थे, उसके मुताबिक सरकार के वकील कोर्ट में पक्ष नहीं रख रहे हैं. बल्कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि अभ्यर्थी चाहते हैं कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराई जाए. अमरेंद्र पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री के ही आदेश से हुई जांच के बाद 6800 आरक्षित वर्ग की चयन सूची आई थी. अभ्यर्थियों को उम्मीद हैं कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से होने पर पूरे मामले का सही निस्तारण हो जाएगा.
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प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई. इस कारण आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करने का आश्वासन भी मुख्यमंत्री की तरफ से दिया गया था. मुख्यमंत्री ने खुद अभ्यर्थियों की मांग को सही मानते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था. जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की. लेकिन, अभी तक न्याय नहीं मिल सका. हमारी मांग है कि सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें.
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