शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 6 सीटें खाली हो गई हैं. वैसे तो विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को अयोग्य करार देते वक्त ही कह दिया था कि ये विधानयक अब हिमाचल सदन के सदस्य नहीं होंगे. लेकिन अब ये डेटा विधानसभा की वेबसाइट पर भी अपडेट हो गया है.
कांग्रेस-34, 6 सीटें खाली
हिमाचल विधानसभा की वेबसाइट खोलते ही पार्टी पॉजीशन सेक्शन में जो जानकारी दी गई है. हिमाचल विधानसभा की स्ट्रेंथ 68 विधायकों की है, वेबसाइट पर दिए डेटा के मुताबिक हिमाचल विधानसभा में अब कांग्रेस के 34 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के 25 और 3 निर्दलीय विधायक हैं. 6 सीटें खाली बताई गई हैं. गौरतलब है कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 40 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी और बीजेपी को 25 सीटें मिली थी, जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.
बहुमत कांग्रेस के पास
इस लिहाज से सदन में कांग्रेस का बहुमत बरकरार है. दरअसल 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा वैसे तो 35 है लेकिन 6 सीटें खाली होने के कारण विधानसभा में कुल सदस्य 62 रह गए हैं. जिससे बहुमत का आंकड़ा घटकर 32 हो जाता है और इस समय कांग्रेस के 34 विधायक हैं. हिमाचल विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट हुई इस जानकारी भी इस बात की पुष्टि कर रही है.
अयोग्य विधायकों की जानकारी नहीं
गौरतलब है कि विधानसभा की वेबसाइट पर सदन के हर सदस्य यानी विधायक से जुड़ी प्रोफाइल भी होती है. जिसमें विधायक की तस्वीर, विधानसभा क्षेत्र से लेकर पर्सनल, एजुकेशनल और पॉलिटिकल एक्सपीरियंस की जानकारी मिल जाती है. अयोग्य घोषित किए गए 6 विधायकों से जुड़ी जानकारी भी वेबसाइट से हटा दी गई है. इनमें राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्र दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर का नाम शामिल है.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव हुआ था. इस दौरान 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके कारण बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी बराबर 34-34 वोट मिले थे. जिसके बाद लॉटरी निकाली गई तो हर्ष महाजन विजयी हुए. हालांकि ये सीट 40 विधायकों के साथ बहुमत की सरकार चला रही कांग्रेस की मानी जा रही थी लेकिन कांग्रेस के 6 विधायकों ने कांग्रेस की फजीहत करवा दी थी. जिसके बाद सरकार की ओर से व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाकर विधानसभा स्पीकर से इनकी शिकायत की गई थी. जिसपर फैसला सुनाते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने 6 कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.
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