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B.Tech पास इंजीनियर ने बनाया गैंग, मोबाइल टावरों से चुराते थे महंगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज - Gangs stealing electronic devices

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 3, 2024, 9:36 PM IST

दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में मोबाइल टावरों से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज चोरी करने वाले गैंग के 6 सदस्यों को गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है.

मोबाइल टावरों से बैटरी समेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज चोरी करने वाले गैंग के 6 सदस्य गिरफ्तार
मोबाइल टावरों से बैटरी समेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज चोरी करने वाले गैंग के 6 सदस्य गिरफ्तार (Etv bharat)
एसीपी क्राइम सच्चिनानंद (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में विभिन्न मोबाइल कंपनियों के मोबाइल टावरों से बैटरी समेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से रेडियो रिसीवर यूनिट मोबाइल टावरों की बैटरियां समेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, चोरी करने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण समेत होंडा सिटी कार और छोटा ट्रक बरामद किया है.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी कैफ मलिक ने दो साल पहले पढ़ाई छोड़ दी और पिता के साथ कबाड़ की दुकान पर काम करने लगा. यहां कैफ की शोएब से मुलाकात हुई शोएब ने उसे मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चोरी कर बेचने के लिए कहा. दोनों ने टावरों में लगने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के बारे में मार्केट में पता किया. इसके बाद दोनों ने मिलकर सोहेल, वसीम, अल्ताफ, और जुबेर के साथ मिलकर गैंग बनाया. गैंग के सदस्यों की मुलाकात इंजीनियर राहुल से हुई जोकि मोबाइल टावरों की मेंटेनेंस करने वाली कंपनी में नौकरी करता था.

ये भी पढ़ें : फर्जी कॉल शरारती तत्वों द्वारा असुरक्षा की भावना पैदा करने का एक प्रयास था: साइबर विशेषज्ञ

गैंग के सदस्य दिन में रेकी कर पता लगाते कि रात में कौन से मोबाइल टावर से बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चुराना है. रात में उपकरणों के साथ टावर पर पहुंचते और टावर में लगे महंगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और बैटरी को चुरा लेते. इंजीनियर राहुल गैंग के सभी लोगों को बताता था कि कौन सा उपकरण कितना महंगा है और टावर में कहां लगा होता है.

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में मोबाइल टावर के रेडियो रिसीवर यूनिट, बैटरी, डुप्लेक्सर समेत आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बारामद किए हैं. हालांकि अभी गैंग के कई सदस्य पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं. फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाकर दबिश दी जा रही है.

एसीपी क्राइम सच्चिनानंद ने बताया क्राइम ब्रांच पुलिस ने मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. छह अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें तीन कबाड़ी वाले, दो चोर और एक इंजीनियर शामिल हैं. छह अभियुक्त फिलहाल फरार हैं. गैंग के सदस्यों की अन्य देशों में भी संबंध हो सकते हैं. इसके बारे में भी पूछताछ की जा रही है. इंजीनियर राहुल विभिन्न प्रदेशों में मोबाइल टावरों के मेंटेनेंस का काम देखता है.

गैंग के सदस्यों पर पहले से कई आपराधिक मामले दिल्ली और उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं. गैंग के सभी सदस्यों का आपराधिक इतिहास है. जिससे साफ होता है कि यह गैंग पुराना है और लंबे समय से मोबाइल टावरों से चोरी करने का काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने हत्या के आरोपी को 27 साल बाद किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

एसीपी क्राइम सच्चिनानंद (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने दिल्ली एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में विभिन्न मोबाइल कंपनियों के मोबाइल टावरों से बैटरी समेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से रेडियो रिसीवर यूनिट मोबाइल टावरों की बैटरियां समेत विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, चोरी करने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण समेत होंडा सिटी कार और छोटा ट्रक बरामद किया है.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी कैफ मलिक ने दो साल पहले पढ़ाई छोड़ दी और पिता के साथ कबाड़ की दुकान पर काम करने लगा. यहां कैफ की शोएब से मुलाकात हुई शोएब ने उसे मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चोरी कर बेचने के लिए कहा. दोनों ने टावरों में लगने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के बारे में मार्केट में पता किया. इसके बाद दोनों ने मिलकर सोहेल, वसीम, अल्ताफ, और जुबेर के साथ मिलकर गैंग बनाया. गैंग के सदस्यों की मुलाकात इंजीनियर राहुल से हुई जोकि मोबाइल टावरों की मेंटेनेंस करने वाली कंपनी में नौकरी करता था.

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गैंग के सदस्य दिन में रेकी कर पता लगाते कि रात में कौन से मोबाइल टावर से बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चुराना है. रात में उपकरणों के साथ टावर पर पहुंचते और टावर में लगे महंगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और बैटरी को चुरा लेते. इंजीनियर राहुल गैंग के सभी लोगों को बताता था कि कौन सा उपकरण कितना महंगा है और टावर में कहां लगा होता है.

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में मोबाइल टावर के रेडियो रिसीवर यूनिट, बैटरी, डुप्लेक्सर समेत आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बारामद किए हैं. हालांकि अभी गैंग के कई सदस्य पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताए जा रहे हैं. फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाकर दबिश दी जा रही है.

एसीपी क्राइम सच्चिनानंद ने बताया क्राइम ब्रांच पुलिस ने मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. छह अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें तीन कबाड़ी वाले, दो चोर और एक इंजीनियर शामिल हैं. छह अभियुक्त फिलहाल फरार हैं. गैंग के सदस्यों की अन्य देशों में भी संबंध हो सकते हैं. इसके बारे में भी पूछताछ की जा रही है. इंजीनियर राहुल विभिन्न प्रदेशों में मोबाइल टावरों के मेंटेनेंस का काम देखता है.

गैंग के सदस्यों पर पहले से कई आपराधिक मामले दिल्ली और उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं. गैंग के सभी सदस्यों का आपराधिक इतिहास है. जिससे साफ होता है कि यह गैंग पुराना है और लंबे समय से मोबाइल टावरों से चोरी करने का काम कर रहा है.

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